साउथ कोरिया में चल रहे राजनीतिक उठापटक के बीच दक्षिण कोरिया के न्याय मंत्रालय ने सोमवार को राष्ट्रपति यून सूक येओल की विदेश यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि अधिकारी पिछले हफ्ते उनके द्वारा की गई अल्पकालिक ‘मार्शल लॉ’ की घोषणा के संबंध में विद्रोह और अन्य आरोपों की जांच कर रहे हैं।
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक योल के खिलाफ लाया गया महाभियोग प्रस्ताव असफल हो गया था। मार्शल लॉ की घोषणा के बाद राष्ट्रपति योल के खिलाफ महाभियोग चलाने के प्रस्ताव की मंजूरी के लिए विपक्षी सांसदों को 200 वोटों की जरूरत थी लेकिन उसके पक्ष में 197 वोट ही पड़े थे। हालांकि विपक्षी दलों ने इस हफ्ते उनके खिलाफ एक नया महाभियोग प्रस्ताव पेश करने का संकल्प लिया है।
राष्ट्रपति यून के देश छोड़ने पर प्रतिबंध
न्याय मंत्रालय के एक अधिकारी ने संसदीय सुनवाई में बताया कि पुलिस, अभियोजकों और एक भ्रष्टाचार विरोधी एजेंसी के अनुरोध पर यून के देश छोड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है क्योंकि वे यून के सत्ता कब्जाने से जुड़ी परिस्थितियों की जांच कर रहे हैं। सोमवार को नेशनल पुलिस एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने स्थानीय पत्रकारों को इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस यून को हिरासत में भी ले सकती है।
दक्षिण कोरिया के मौजूदा राष्ट्रपति को पद पर रहते हुए अभियोजन से छूट प्राप्त होती है लेकिन यह विद्रोह या देशद्रोह के आरोपों पर लागू नहीं होता। इसका मतलब यह है कि यून से पुलिस पूछताछ कर सकती है और उन्हें ‘मार्शल लॉ’ के आदेश के लिए हिरासत में ले सकती है।
साउथ कोरिया के पूर्व रक्षा मंत्री हिरासत में
मुख्य विपक्षी ‘डेमोक्रेटिक पार्टी’ ने यून के ‘मार्शल लॉ’ लागू करने को असंवैधानिक, अवैध बताते हुए यून और पूर्व रक्षा मंत्री सहित कम से कम नौ लोगों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। दक्षिण कोरिया के अभियोजकों ने रविवार को पूर्व रक्षा मंत्री किम योंग ह्युन को हिरासत में ले लिया था, जिन्होंने ‘मार्शल लॉ’ लगाने की सिफारिश की थी। वह इस मामले में हिरासत में लिए गए पहले व्यक्ति हैं। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उसने ‘मार्शल लॉ’ लगाने में संलिप्तता के आरोप में तीन शीर्ष सैन्य कमांडर को निलंबित कर दिया है। विपक्ष ने विद्रोह के आरोपों के सिलसिले में जिन पर अंगुलियां उठायी हैं, वे उनमें शामिल हैं।
राष्ट्रपति यून ने ‘मार्शल लॉ’ के आदेश पर मांगी थी माफी
वहीं, दूसरी ओर राष्ट्रपति यून ने शनिवार को ‘मार्शल लॉ’ के आदेश पर माफी मांगते हुए कहा था कि वह इस घोषणा के लिए कानूनी या राजनीतिक ज़िम्मेदारी से पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा कि वह देश की राजनीतिक उथल-पुथल से निपटने का काम अपनी पार्टी पर छोड़ देंगे। हालांकि, यून द्वारा लगाया गया ‘मार्शल लॉ’ केवल 6 घंटे तक प्रभावी रहा था क्योंकि नेशनल असेंबली (दक्षिण कोरिया की संसद) ने इस कानून को हटाने के पक्ष में मतदान किया था। यून की ‘पीपुल पावर पार्टी’ के कुछ सांसदों ने भी विपक्ष का समर्थन किया था। पढ़ें- दक्षिण कोरिया में राष्ट्रपति के खिलाफ ही खड़ा हो गया सत्ताधारी दल
(इनपुट-एपी)