दुनिया की सबसे बड़ी निवेशक कंपनियों में शुमार सॉफ्टबैंक ग्रुप कॉर्प के संस्थापक मासायोशी सोन ने अचानक ही चीन की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा के साथ अपने रिश्तों को खत्म करने का ऐलान कर दिया है। मासायोशी ने गुरुवार को दोनों कंपनियों के शेयरहोल्डर मीटिंग से निकलने के बाद कहा कि वे अलीबाबा होल्डिंग्स लिमिटेड के बोर्ड से इस्तीफा दे रहे हैं। सोन ने कहा कि अलीबाबा के साथ उनका रिश्ता टूटना किसी असहमति की वजह से नहीं है। हालांकि, जानकारों का मानना है कि मा और सोन 20 साल तक दोस्त रहे हैं और अचानक उनके अलग होने की वजह कोई मतभेद ही है। दरअसल, जैक मा भी सॉफ्टबैंक के बोर्ड की सदस्यता से इस्तीफा दे रहे हैं।
सॉफ्टबैंक के मासायोशी सोन और अलीबाबा के संस्थापक जैक मा की दोस्ती काफी पुरानी रही है। जैक मा जब कंपनी शुरू कर रहे थे, तब सोन उनके पहले निवेशकों में से एक थे। बताया जाता है कि अलीबाबा के 600 अरब डॉलर की कंपनी बनने के पीछे सॉफ्टबैंक के निवेश और मदद का बड़ा हाथ है।
सॉफ्टबैंक की वर्चुअल शेयरहोल्डर मीटिंग के बाद सोन ने कहा कि हमारे (मेरे और जैक मा) बीच लड़ाई जैसा कुछ भी नहीं हुआ। यह आखिरकार होना ही था। दोनों कंपनियों के अलग होने का फिलहाल एक-दूसरे पर कोई असर पड़ना मुश्किल है। हालांकि, सॉफ्टबैंक का अलीबाबा में निवेश उसका अब तक का सबसे सफल इन्वेस्टमेंट रहा है। सॉफ्टबैंक को इस साल कोरोनावायरस की वजह से निवेश में काफी नुकसान उठाना पड़ा है। हालांकि, अलीबाबा की वजह से उसके इस नुकसान की काफी हद तक भरपाई भी हो गई।
अलीबाबा में सोन ने निवेश किए थे 2 करोड़ डॉलर, अब वैल्यू 150 अरब से ज्यादा
सॉफ्टबैंक ने 2000 के दशक में अलीबाबा में 2 करोड़ डॉलर (करीब 150 करोड़ रुपए) का निवेश किया था। आज उस स्टेक की कीमत 150 अरब डॉलर यानी करीब 11 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गई है। अलीबाबा के जरिए मिले फायदे से सोन ने इन्वेस्टर के तौर पर अलग पहचान बनाई है।

