पंजाब सरकार के एक वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री और उनके प्रतिनिधिमंडल पर यहां सैकड़ों सिखों ने पत्थर बरसाए और जूता फेंका। सिखों ने प्रतिनिधिमंडल की यात्रा का विरोध करते हुए यह हमला किया। घटना के बाद दो युवकों को हिरासत में ले लिया गया। इस घटना को पंजाब में सत्तारूढ़ शिरोमणि अकाली दल ने कुछ निहित स्वार्थी तत्वों की हताशा भरी कार्रवाई बताया है। वहीं कांग्रेस ने इसे अकाली सरकार के प्रति लोगों का गुस्सा बताया है।

अधिकार समूह ‘सिख फोर जस्टिस’ (एसएफजे) की ओर से कराई गई जानकारी के अनुसार पंजाब के प्रवासी मामलों के मंत्री तोता सिंह और दूसरे अकाली नेता कल क्वीन बरो के रिचमंड हिल में एक बैठक को संबोधित करने वाले थे। सैकड़ों सिखों ने यात्रा का विरोध करते हुए आयोजन स्थल पर नारेबाजी की और कथित रूप से इलाके को घेर लिया।

सिखों और सिंह के प्रतिनिधिमंडल के बीच तीन घंटों से अधिक समय तक गतिरोध जारी रहा और घटना स्थल पर न्यूयार्क पुलिस का एक बड़ा दल आ गया। दल ने अकाली नेताओं को सुरक्षित वहां से निकाला। पुलिस ने शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के नेता पर हमले के लिए दो सिख युवकों को हिरासत में ले लिया।

पुलिस ने कहा कि सरकारी कामकाज में खलल डालने, गैरकानूनी रूप से जुटने और उपद्रव मचाने के लिए दोनों लोगों को गिरफ्तार किया गया। एसएफजे के कानूनी सलाहकार गुरपतवंत सिंह पनून ने कहा, ‘उत्तर अमेरिकी सिख समूह 1990 के दशक की शुरुआत में आतंकवाद रोधी अभियान के दौरान हजारों सिखों की हत्या में शामिल भारतीय पुलिस अधिकारियों को दोषी करार देने में नाकाम रहने के लिए शिअद (बादल) का विरोध कर रहे हैं।’

पंजाब में सत्तारूढ़ शिरोमणि अकाली दल ने इस कार्रवाई को कुछ निहित स्वार्थी तत्वों की हताशा भरी कार्रवाई बताया है। शिअद के सांसद और महासचिव प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कहा कि ऐसी घटनाएं उन निहित स्वार्थी तत्वों की निराशा का प्रतीक हैं, जो नहीं चाहते कि अकाली विदेश में पंजाब की सही तस्वीर रखें। उन्होंने कहा कि घटना दुर्भाग्यपूर्ण है क्योंकि अकाली नेतृत्व यह सुनिश्चित करने के प्रयत्न कर रहा था कि प्रवासी भारतीय आएं और राज्य में निवेश करें।

वहीं राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के पंजाब प्रदेश अध्यक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि यह गुस्से की उस अभिव्यक्ति को दर्शाती है जो प्रवासी भारतीय पंजाबियों, खासकर सिखों के मन में झूठे वायदों और सभी मोर्चों पर विफलता को लेकर मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और उनकी सरकार के खिलाफ है। कांग्रेस ने कहा कि पंजाबी मूल के प्रवासी भारतीयों में अकाली-भाजपा सरकार के खिलाफ गुस्सा बढ़ रहा है।