बांग्लादेश की अंतरिम सरकार लगातार शेख हसीना की मुश्किलें बढ़ाने वाले फैसले ले रही है। अब खबर है कि बांग्लादेश सरकार ने पूर्व पीएम शेख हसीना का डिप्लोमेटिक पासपोर्ट निरस्त कर दिया है। पीटीआई की खबर के मुताबिक, बांग्लादेश सरकार ने शेख हसीना के कैबिनेट में मंत्री रहे सभी नेताओं के डिप्लोमेटिक पासपोर्ट खत्म कर कर दिए हैं। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार द्वारा यह फैसला शेख हसीना द्वारा देश छोड़ने के दो हफ्ते बाद लिया है।
BSS न्यूज एजेंसी द्वारा की गई रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश के गृह मंत्रालय की सिक्योरिटी सर्विसेज डिवीजन ने बयान जारी कर बताया कि पूर्व पीएम, उनके सभी सहलाकारों, पूर्व कैबिनेट मंत्रियों और हाल में भंग की गई संसद के सभी सांसदों और उनके पति या पत्नियों के डिप्लोमेटिक पासपोर्ट तुरंत निरस्त करने का फैसला किया है।
बता दें कि बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़कर जाने के बाद संसद को भंग कर दिया था। इस समय नोबल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस बांग्लादेश की अंतरिम सरकार चला रहे है। जारी किए गए बयान के अनुसार, अधिकारियों के डिप्लोमेटिक पासपोर्ट भी उनके कार्यकाल या नियुक्ति की समाप्ति पर तुरंत रद्द कर दिए जाएंगे। बयान में यह भी कहा गया है कि कम से कम दो जांच एजेंसियों की रिपोर्ट के आधार पर उनके पक्ष में ऑर्डिनरी पासपोर्ट जारी किए जा सकते हैं।
क्या कहती है भारत की वीजा पॉलिसी (Indian visa policy)
भारतीय वीजा पॉलिसी के अनुसार, डिप्लोमेटिक या ऑफिशियल पासपोर्ट वाले बांग्लादेश के नागरिक भारत में वीजा फ्री एंट्री का लाभ ले सकते हैं और करीब 45 दिनों तक भारत में रह सकते हैं। गुरुवार तक शेख हसीना भारत में 18 दिन बिता चुकी हैं। डेली स्टार की रिपोर्ट में कहा गया है कि शेख हसीना के पास डिप्लोमेटिक पासपोर्ट के अलावा और कोई अन्य पासपोर्ट नहीं है।
अब जब शेख हसीना का डिप्लोमेटिक पासपोर्ट कैंसिल कर दिया गया है, ऐसे में उससे जुड़े फायदे भी रद्द हो गए हैं, जिस कारण उनके सामने प्रत्यर्पण का खतरा आ सकता है। शेख हसीना इस समय बांग्लादेश में 51 मामलों का समाना कर रही हैं, जिसमें से 42 मर्डर से जुड़े हैं। ये मामले भारत और बांग्लादेश के बीच साइन की गई प्रत्यर्पण संधि के लीगल फ्रेमवर्क में आते हैं।