बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। एक बार फिर उनके और उनके सहयोगियों की खिलाफ नौ शिकायतें दर्ज हुई हैं। इस हिसाब से उनके खिलाफ दर्ज मामलों की संख्या अब 31 हो गई है। जिसमें से 26 मामले हत्या से जुड़े हैं। डेली स्टार अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के वकील गाजी एमएच तमीम ने हिफाजत-ए-इस्लाम के संयुक्त महासचिव मुफ्ती हारुन इजहार चौधरी की ओर से बांग्लादेश के अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण में शिकायत दर्ज कराई है।

अब क्यों हुई है दर्ज शिकायतें?

ताजा शिकायतों में शेख हसीना और 23 अन्य लोगों पर 5 मई, 2013 को मोतीझील के शपला छत्तर में हिफाजत-ए-इस्लाम की रैली के दौरान मानवता के नरसंहार करने का आरोप लगाया गया है। जांच एजेंसी के उप निदेशक अताउर रहमान ने एक बंगलादेशी अखबार के हवाले से कहा ‘हमने शिकायत दर्ज कर ली है और आज से जांच शुरू हो गई है।’ यह पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण में दर्ज की गई चौथी शिकायत है।

अखबार ने बताया कि इसके अलावा मंगलवार को देशभर में शेख हसीना के खिलाफ आठ और मामले दर्ज किए गए, जिनमें उन पर हालिया विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुई हत्याओं का आरोप लगाया गया है। इन मामलों के साथ शेख हसीना अब 31 मामलों का सामना कर रही हैं, जिनमें 26 हत्या के आरोप, चार मानवता के खिलाफ अपराध और नरसंहार के आरोप और एक अपहरण का मामला शामिल है। अखबार के मुताबिक शेख हसीना के बेटे और बेटी को भी हत्या के एक मामले में सह-आरोपी बनाया गया है।

हिफाजत-ए-इस्लाम मामले में प्रमुख आरोपियों में अवामी लीग के महासचिव और पूर्व सड़क परिवहन और पुल मंत्री ओबैदुल कादर, पूर्व मंत्री रशीद खान मेनन, ढाका साउथ सिटी कॉरपोरेशन के पूर्व मेयर शेख फजले नूर तपोश, प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार सलमान एफ रहमान, प्रधानमंत्री के पूर्व सुरक्षा सलाहकार तारिक अहमद सिद्दीकी, पूर्व पुलिस महानिरीक्षक एकेएम शाहिदुल हक जैसे लोग शामिल हैं।