बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) अपने देश लौटेंगी या नहीं, इसको लेकर कोई कन्फर्म बयान अभी तक नहीं आए हैं। हालांकि शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद जॉय (Sajeeb Wazed Joy) ने जरूर इस पर अपनी राय जाहिर की है। उन्होंने टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कहा, “उनकी मां अपने देश लौटेंगी। अभी फिलहाल वह कुछ समय के लिए भारत में हैं, लेकिन जब अंतरिम सरकार चुनाव कराने का फैसला करेगी तो वह वापस बांग्लादेश जाएंगी।” उन्होंने यह भी बताया कि अभी यह तय नहीं हुआ है कि वह “रिटायर या सक्रिय” राजनेता के रूप में वापस आएंगी। इससे पहले उन्होंने कहा था कि वह राजनीति में अब नहीं लौटेंगी।

भारत ने कहा कि हालात लगातार बदल रहे हैं

बांग्लादेशी नेता को लेकर भारत का विदेश मंत्रालय ने भी कहा है कि यह फैसला शेख हसीना पर छोड़ दिया गया है। मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को कहा कि बहुत शार्ट नोटिस पर शेख हसीना को भारत आने की अनुमति दी गई थी। हालात लगातार बदल रहे हैं, इसलिए शेख हसीना पहले स्वयं फैसला कर लें, उसके बाद भारत सरकार इस पर अपनी राय देगी। शेख हसीना 5 अगस्त को बांग्लादेश में हालात बेकाबू होने पर भारत आई थीं।

इससे पहले जॉय ने अवामी लीग के नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई थी, जो देश भर में लगातार हमलों का निशाना बन रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि बांग्लादेश की सबसे पुरानी और सबसे बड़ी पार्टी अपने समर्थकों को नहीं छोड़ सकती, उन्होंने संकेत दिया कि हसीना की वापसी पर उनकी भूमिका और अधिक सक्रिय होगी। जॉय ने कहा, “लोकतंत्र बहाल होने के बाद वह निश्चित रूप से बांग्लादेश वापस आएंगी।”

इस बीच गुरुवार को बांग्लादेश में अफरा-तफरी के माहौल के बीच मोहम्मद यूनुस ने देश की बागडोर संभाल ली है। उनके सामने फिलहाल देश में शांति बहाल करने और नया चुनाव कराने की बड़ी जिम्मेदारी है। यूनुस (84) को राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने राष्ट्रपति भवन ‘बंगभवन’ में आयोजित एक समारोह में मुख्य सलाहकार के रूप में शपथ दिलाई। यह पद प्रधानमंत्री के समकक्ष है। समारोह में राजनीतिक दलों के नेता, न्यायाधीश, विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि, तीनों सेनाओं के प्रमुख, पुलिस महानिरीक्षक, वरिष्ठ सैन्य एवं असैन्य अधिकारी, राजनयिक, स्वतंत्रता सेनानी, वरिष्ठ पत्रकार एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।