बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने कहा है कि उनके पास इस बात का कोई दस्तावेजी सबूत नहीं है कि शेख हसीना ने अगस्त में छात्रों के नेतृत्व में बड़े पैमाने पर हुए विरोध प्रदर्शनों के बीच देश से चले जाने से पहले प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने देश के लोगों से पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे को लेकर कोई और विवाद पैदा करने से बचने का आग्रह किया है। राष्ट्रपति ने एक इंटरव्यू के दौरान शेख हसीना के देश छोड़कर जाने और इस दौरान बने हालात पर चर्चा की है।

तो क्या शेख हसीना ने इस्तीफा ही नहीं दिया?

ढाका ट्रिब्यून’ अखबार ने बांग्ला दैनिक ‘मनाब जमीन’ के साथ राष्ट्रपति के इंटरव्यू के कुछ अंशों का हवाला देते हुए सोमवार को लिखा कि राष्ट्रपति शहाबुद्दीन ने कहा कि उन्होंने सुना है कि हसीना ने बांग्लादेश छोड़ने से पहले प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन उनके पास इसका कोई दस्तावेजी सबूत नहीं है। राष्ट्रपति ने कहा कि बहुत कोशिशों के बावजूद उन्हें कोई भी दस्तावेज नहीं मिल पाया। शहाबुद्दीन ने कहा, ‘‘शायद उनके (हसीना) पास समय नहीं था।’’

पांच अगस्त की घटना का विवरण देते हुए उन्होंने कहा कि सुबह करीब 10:30 बजे हसीना के आवास से बंगभवन को फोन आया और बताया गया कि शेख हसीना उनसे मुलाकात करेंगी। राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘यह सुनकर बंगभवन में तैयारियां शुरू हो गईं। एक घंटे के भीतर ही एक और कॉल आई, जिसमें कहा गया कि वह नहीं आ रही हैं।’’

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उन्होंने कहा, ‘‘हर जगह अशांति की खबरें थीं…मैंने अपने सैन्य सचिव जनरल आदिल (मेजर जनरल मोहम्मद आदिल चौधरी) से इसे देखने को कहा। उनके पास भी कोई जानकारी नहीं थी। हम इंतजार कर रहे थे और टीवी देख रहे थे। कहीं कोई खबर नहीं थी। फिर, मैंने सुना कि वह (हसीना) मुझे बताए बिना देश छोड़कर चली गई हैं। मैं आपको सच बता रहा हूं।’’

‘मैं तो खुद उनसे पूछ रहा था’

राष्ट्रपति शहाबुद्दीन ने आगे कहा, ‘‘जब सेना प्रमुख जनरल वाकर बंगभवन आए, तो मैंने यह जानने की कोशिश की कि क्या प्रधानमंत्री ने इस्तीफ़ा दे दिया है। जवाब यही था- उन्होंने सुना है कि उन्होंने इस्तीफ़ा दे दिया है, लेकिन शायद उन्हें हमें सूचित करने का समय नहीं मिला। जब सब कुछ नियंत्रण में था, तो एक दिन कैबिनेट सचिव इस्तीफ़े की प्रति लेने आए। मैंने उनसे कहा कि मैं भी इसकी तलाश कर रहा हूँ।’’ उन्होंने कहा कि इस पर अब बहस करने का कोई मतलब नहीं है; हसीना जा चुकी हैं और यह सच है। राष्ट्रपति के बयान के बाद अब एक नया विवाद शुरू हो चुका है, क्योंकि वह नए प्रधानमंत्री मोहम्मद युनूस को शपथ भी दिला चुके हैं।

इनपुट : भाषा