पांच साल पहले ब्रिटेन छोड़कर आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (ISIS) में शामिल होने सीरिया भागी एक महिला अब ब्रिटेन वापस लौटने के लिए कोर्ट से गुहार लगा रही है। शमीमा बेगम की उम्र महज 15 साल रही होगी, जब वह तीन अन्य स्कूल छात्राओं के साथ सीरिया के लिए निकली थीं। ब्रिटेन के गृह मंत्रालय ने 2019 में उनके आईएस में शामिल होने की पुष्टि की थी। शमीमा तब सीरिया में ही रिफ्यूजी कैंप में पाई गई थीं। इसके बाद उसके ब्रिटेन में घुसने पर रोक लगा दी गई और नागरिकता भी छीन ली गई थी।
हालांकि, अब शमीा बेगम को ब्रिटेन की कोर्ट ऑफ अपील्स की ओर से सुनवाई का मौका दिया गया है। जजों ने कहा कि सीरियाई कैंप में मिलने की वजह से उसे निष्पक्ष सुनवाई का मौका नहीं मिला। हालांकि, ब्रिटिश गृह मंत्रालय ने कोर्ट के फैसले पर नाखुशी जाहिर करते हुए कहा कि वह इस मामले में अपील दायर करेगा। कोर्ट के इस फैसले से ब्रिटिश सरकार परेशानी में पड़ गई है। दरअसल, अगर शमीमा को केस लड़ने का मौका मिलता है, तो उसे ब्रिटेन बुलाया जाएगा। ऐसे में नागरिकता की सुनवाई से पहले ही उसे ब्रिटेन में रखा जाएगा, जिस पर विवाद छिड़ गया है।
ब्रिटिश सरकार के सामने बड़ी समस्या यह होगी कि ब्रिटेन से सैकड़ों की संख्या में लोग आईएस में शामिल होने सीरिया चले गए थे। तब ब्रिटिश सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा पर खतरा बताकर ज्यादातर लोगों को ब्रिटेन की नागरिकता हासिल नहीं करने दी है। हालांकि, अगर शमीमा बेगम का ब्रिटेन लौटना सुनिश्चित होता है, तो इससे आईएस में शामिल बाकी लोग भी कोर्ट में अपील कर नागरिकता के लिए अपील कर सकते हैं।
ब्रिटिश कानून विशेषज्ञों का कहना है कि शमीमा पर आतंकवाद में शामिल रहने का केस बनता है और ब्रिटेन में आने के बाद उसे गिरफ्तार कर जेल में रका जा सकता है। बेगम फिलहाल सीरिया के कैंप में ही मौजूद है। आईएस आतंकी यागो रीडिक से शादी करने वाली बेगम के पांच साल में तीन बार मां भी बनी। लेकिन आईएस के क्रूर शासन में उसका कोई भी बच्चा जिंदा नहीं बचा।