Uzbekistan Cough Syrup Case: उजबेकिस्तान में कथित तौर पर भारत में बने सिरप को पीकर कई बच्चे पहले बीमार पड़े फिर उनकी मौत हो गई। वहां की सरकार का दावा है कि ऐसे कुल 18 बच्चे हैं, जिनकी सिरप पीने से मौत हुई है। सरकार का कहना है कि यह सिरप भारत स्थित एक कंपनी में बना था। सरकारी रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनी का नाम मैरियन बायोटेक (Marion Biotech) है और जिस सिरप को बच्चों ने पिया था उसका नाम डाक-1 मैक्स (Dok-1 Max) है।

शुरुआती जांच में सिरप में एथिलीन ग्लाइकॉल मिला था

शुरुआती जांच से पता चला है कि सिरप की इस श्रृंखला में एथिलीन ग्लाइकॉल होता है। मंत्रालय ने बताया, “यह पदार्थ जहरीला है, और 95% कंसेंट्रेटेड सॉल्यूशन का लगभग 1-2 मिली/ किग्रा रोगी के स्वास्थ्य में गंभीर परिवर्तन कर सकता है। इससे उल्टी, बेहोशी, ऐंठन, हृदय संबंधी समस्याएं और किडनी की समस्या आती है।”

गाम्बिया में हुई थी 70 बच्चों की मौत

कुछ महीने पहले भारत की ही एक कंपनी में बने सिरप को पीकर अफ्रीकी देश गाम्बिया में 70 बच्चों की मौत हो गई थी। भारतीय फार्मा फर्म मेडेन फार्मास्युटिकल्स (Maiden Pharmaceuticals) द्वारा बनाए गए चार तरह के सिरप के सेवन से यह घटना हुई थी। गांबिया नेशनल असेंबली की एक सेलेक्ट समिति ने बाद में कहा था कि सिरप पीकर गुर्दे (Kidney) में संक्रमण के कारण बच्चों की मौत के बाद मेडेन को काली सूची में डाल दिया जाए, इसके उत्पादों को गांबिया बाजार में प्रतिबंधित कर दिया जाए और कंपनी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।

जून से नवंबर 2022 के बीच, गांबिया में 82 बच्चों की किडनी में गंभीर संक्रमण की पुष्टि हुई थी। इनमें से 70 की मौत हो गई। रिपोर्ट के अनुसार, सेलेक्ट कमेटी का मानना है कि मेडेन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड दोषी है और उसे खराब दवाओं के निर्यात के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए, जिसके चलते कम से कम 70 बच्चों की मौत हो गई।

रिपोर्ट के अनुसार, सिरप में डायथिलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल पाए गए थे। समिति ने कहा कि भारत में मेडेन फार्मास्युटिकल्स से संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन वे उनके ईमेल और कॉल का जवाब नहीं दे रहे हैं।