सऊदी अरब के पत्रकार जमान खशोगी की कथित हत्‍या मामले में चौंकाने वाली बात सामने आई है। न्‍यूज एजेंसी ‘एएफपी’ ने तुर्की मीडिया के हवाले से खबर दी है कि खशोगी का सिर कलम करने से पहले उन्हें इस्‍तांबुल स्थित सऊदी अरब के वाणिज्‍य दूतावास में यातनाएं दी गई थीं। तुर्की सरकार की ओर झुकाव रखने वाले दैनिक अखबार ने ‘येनी सफाक’ में इसको लेकर एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई है। रिपोर्ट में ऑडिया रिकॉर्डिंग का हवाला दिया गया है। साथ ही दावा किया गया है कि इसके आधार पर ही खशोगी के साथ हुई बर्बरता का खुलासा हुआ है। अखबार के अनुसार, ‘खशोगी के कथित हत्‍यारों ने पूछताछ के दौरान उनकी उंगलियां काट दी थीं। इसके बाद ‘वाशिंगटन पोस्‍ट’ से जुड़े पत्रकार की हत्‍या कर दी गई।’ बता दें कि जमाल खशोगी अपनी शादी से पहले जरूरी कानूनी दस्‍तावेज के लिए सऊदी अरब के वाणिज्‍य दूतावास में गए थे। तुर्की की पुलिस का मानना है कि सऊदी अरब की 15 सदस्‍यीय अधिकारियों की एक टीम ने खशोगी की हत्‍या कर दी। सऊदी अरब शुरुआत से ही इन आरोपों का खंडन कर रहा है।

वहीं हत्या में शामिल संदिग्ध के लेकर दावा किया गया है कि उसके सऊदी प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के साथ खास संबंध हैं। ‘दि न्यूयार्क टाइम्स’ ने अपनी रिपोर्ट में यह बात कही। अखबार ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि तीन अन्य संदिग्धों का संबंध प्रिंस मोहम्मद की सुरक्षा व्यवस्था से है, वहीं पांचवां एक फॉरेंसिक डॉक्टर है। ‘न्यूयार्क टाइम्स’ की इस रिपोर्ट से मिलती जुलती रिपोर्ट ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ में भी प्रकाशित हुई है जिससे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस दावे पर संदेह पैदा होता है कि पत्रकार के लापता होने के पीछे दुष्ट हत्यारों का हाथ हो सकता है। सऊदी नागरिक खशोगी सलमान के बेटे शहजादा मोहम्मद की नीतियों के कटु आलोचक हैं।

रिपोर्ट में कहा गया कि एक संदिग्ध माहिर अब्दुल अजीज मुतरेब 2007 में लंदन में सऊदी दूतावास में राजदूत था। प्रिंस मोहम्मद की हालिया विदेश यात्राओं के दौरान वह उनके साथ था और दोनों की अनेक तस्वीरें भी सामने आई थीं। समाचार पत्र ने कहा कि तीन अन्य संदिग्ध अब्दुल अजीज मोहम्मद अल हॉसावी, थार गालिब अल हराबी और मोहम्मद साद अलजाहरानी हैं। पांचवां संदिग्ध अटॉप्सी विशेषज्ञ सालेह अल तुबैगी है। रिपोर्ट में कहा गया कि पांचों के संबंध किसी न किसी प्रकार से शीर्ष नेतृत्व से हैं। (एजेंसी इनपुट सहित)