पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के विदेशी मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने कहा है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में भारत व पाकिस्तान के बीच रिश्ते सुधरने की कोई उम्मीद नहीं है। अजीज ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान की संसद ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया है, जिसमें कश्मीर में ‘बर्बरता’ की निंदा, भारत द्वारा नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम का उल्लंघन, भारत द्वारा कश्मीर को अभिन्न अंग मानने को नकारना, सिंधु जल समझौते को रद्द करने की भारत की धमकी की निंदा तथा बलूचिस्तान में भारत के हस्तक्षेप जैसे मुद्दे शामिल हैं। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में भारत के आधिपत्यवादी रुख का पाकिस्तान विरोध करता रहा है और बराबरी के आधार पर द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने की मांग करता रहा है।
अजीज ने कहा कि पाकिस्तानी संसद के प्रस्ताव का मुख्य एजेंडा दुनिया को यह बताना है कि पूरा पाकिस्तान भारतीय आक्रमण के खिलाफ एकजुट है। भारत के केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह द्वारा साल 2018 तक पाकिस्तान से लगी भारत की सीमा को पूरी तरह सील कर दिए जाने के ऐलान पर अजीज ने कहा कि अगर लोगों की आवाजाही व व्यापारिक संबंध बरकरार रहा, तो पाकिस्तान-भारत सीमा को सील कर देने में कोई बुराई नहीं है। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में विभिन्न मंचों पर बातचीत के बाद यही बात उभरकर आई है कि दोनों देशों के बीच बातचीत शुरू होनी चाहिए।
अजीज ने आरोप लगाया कि कश्मीर हिंसा से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए भारत ने उरी में खुद ही हमला कराया, लेकिन इससे कश्मीर में हुई बर्बरता को छिपाया नहीं जा सकता। गौरतलब है कि उरी में सेना मुख्यालय पर हुए आतंकवादी हमले में 20 जवानों की मौत के बाद भारतीय सेना ने 28 सितंबर को पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक कर आतंकवादियों के लॉन्चिंग पैड्स को नष्ट कर दिया था। इस स्ट्राइक के बाद से ही दोनों देशों के बीच तनाव अपने चरम पर है।
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