रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन गुरुवार (26 अक्टूबर) को रूसी मिलिट्री की ड्रिल में न केवल शामिल हुए बल्कि उन्होंने खुद 4 इंटरकॉन्टिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइलें दागकर उनका परीक्षण भी किया। यह ड्रिल मिलिट्री एक्सरसाइज का एक हिस्सा थी। राष्ट्रपति पुतिन के प्रवक्ता दमित्री पेसकोव ने शुक्रवार को बताया कि रूस की न्यूक्लियर फोर्सेज ने गुरुवार को हुए सैन्य अभ्यास किया था। इसमें न्यूक्लियर सबमरीन्स, स्ट्रैटजिक बॉम्बर्स और एक लैंड लॉन्चर भी शामिल था। राष्ट्रपति के प्रवक्ता ने कहा, “यह एक नियमित सैन्य अभ्यास था, जिसका अंतर्राष्ट्रीय जगत में होने वाले बदलाव से इसका कोई संबंध नहीं है।”
रूसी राष्ट्रपति भवन ‘क्रेमलिन’ के मुताबिक, इससे पहले रूस में किसी भी राष्ट्रपति ने इस तरह से इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल के परीक्षण के इवेंट में अपनी मौजूदगी दर्ज नहीं कराई है। राष्ट्रपति भवन के प्रवक्ता पेसकोव ने यह नहीं बताया कि राष्ट्रपति पुतिन ने सैन्य अभ्यास में किस तरह की भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ने सेना के कमांडर इन चीफ होने के नाते मानक प्रक्रिया का पालन किया।
रुस के रक्षा मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि गुरुवार को हुए सैन्य अभ्यास में इंटरकन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल टोपोल का परीक्षण उत्तरी-पश्चिमी रूस के प्लेस्टिक लॉन्चपैड से कमचटका प्रायद्वीप के कुरा फायरिंग रेंज को लक्षित कर किया गया है। इसके साथ ही कुरा रेंज के करीब बरेन्ट्स सागर में तैनात एक न्यूक्लियर सबमरीन से इंटरकन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्च किया गया। दूसरा इंटरकन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल ओखोस्टक सागर में तैनात न्यूक्लियर सबमरीन से किया गया जो विपरीत दिशा में उत्तरी -पश्चिमी रूस के अरखांगलेस्क क्षेत्र के छिजा फायरिंग रेंज में लक्ष्य साधने में कामयाब रहा।
इनके अलावा सैन्य अभ्यास के दौरान टीयू-160, टीयू-95 और टीयू-22 बॉम्बर ने भी क्रूज मिसाइसल दागे जो कमचटका फायरिंग रेंज और कजाकिस्तान के नजदीक कूमी रेंज के छद्म ठिकानों को भेदने में कामयाब रहे। पश्चिमी देशों के साथ बढ़ते तनाव के मद्देनजर यह सैन्य अभ्यास अहम माना जा रहा है।