Russia Ukraine War: भारत-पाकिस्तान के बीच भीषण युद्ध होने की संभावनाएं टल गई हैं क्योंकि दोनों ही देश सीजफायर पर राजी हो रहे हैं। दूसरी ओर दुनिया में पिछले तीन साल से रूस और यूक्रेन के बीच भी भीषण जंग चल रही है, जिसको लेकर अब एक पॉजिटव खबर सामने आई है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 15 मई को इस्तांबुल में यूक्रेन के साथ “सीधी बातचीत” का प्रस्ताव रखा है और कहा है कि वार्ता का उद्देश्य स्थायी शांति स्थापित करना और युद्ध के मूल कारण को समाप्त करना होना चाहिए।
रविवार को क्रेमलिन में पत्रकारों के साथ बातचीत के दौरान पुतिन ने यूक्रेन और रूस के बीच शांति वार्ता को फिर से शुरू करने का प्रस्ताव रखा है। दोनों देशों के बीच आखिरी बार 2022 में बैठक हुई थी। फरवरी में रूसी सेना ने यूक्रेन पर आक्रमण किया था, जिससे 1962 के क्यूबा मिसाइल संकट के बाद से रूस और पश्चिम के बीच सबसे गंभीर टकराव शुरू हो गया था।
चार यूरोपीय देशों ने कही है सीजफायर की बात
पुतिन का यह प्रस्ताव इसलिए भी क्योंकि यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है, जब चार प्रमुख यूरोपीय देशों ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और पोलैंड ने यूक्रेन के साथ 30 दिन के युद्धविराम प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए रूस पर दबाव बढ़ा दिया है। इन चारों देशों के नेताओं ने कहा है कि उनके प्रस्ताव को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का समर्थन प्राप्त है , जिन्हें उन्होंने दिन में फोन पर जानकारी दी थी।
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राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि उन्होंने संघर्ष के मूल कारणों को खत्म करने और स्थायी शांति की बहाली हासिल करने के प्रयास में 15 मई को इस्तांबुल में यूक्रेन के साथ सीधी बातचीत का प्रस्ताव रखा है।
2022 में यूक्रेन ने तोड़ी थी बातचीत – पुतिन
बता दें कि 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण के ठीक बाद उसके साथ विफल वार्ता का जिक्र करते हुए पुतिन ने कहा कि 2022 में वार्ता को तोड़ने वाला रूस नहीं था। यह कीव था। फिर भी, हम प्रस्ताव कर रहे हैं कि कीव बिना किसी पूर्व शर्त के सीधी बातचीत फिर से शुरू करे।
पुतिन ने चार यूरोपीय देशों द्वारा लाए गए और अमेरिका द्वारा समर्थित 30-दिवसीय प्रस्ताव का उल्लेख नहीं किया, जबकि क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने शनिवार को सीएनएन से कहा कि मॉस्को को इस पर विचार करना होगा।