अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस से तेल खरीदने पर भारत पर 25 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ लगाया था। ट्रंप ने चेतावनी दी थी कि अगर भारत आगे रूस से तेल खरीदना जारी रखता है तो और भी प्रतिबंध लगाए जाएंगे। इस बीच भारत और रूस की दोस्ती और मजबूत होते जा रही है। कुछ दिन पहले ही रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात की थी। वहीं 21 अगस्त को पुतिन ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की। मुलाकात के दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाने पर जोर दिया गया।

किन मुद्दों पर हुई चर्चा?

जयशंकर और पुतिन की मुलाकात में दोनों देशों के बीच व्यापार संबंधों को बढ़ाने पर जोर दिया गया। जयशंकर ने रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, “हमारा मानना है कि भारत और रूस के बीच संबंध द्वितीय विश्व युद्ध के बाद दुनिया के सबसे स्थिर संबंधों में से एक रहे हैं। भू-राजनीतिक अभिसरण, नेतृत्व संपर्क और लोकप्रिय भावनाए इसके प्रमुख कारण हैं।”

मीडिया से बातचीत के दौरान जयशंकर से ट्रंप टैरिफ के बारे में सवाल किया गया। इसके जवाब में जयशंकर ने कहा कि भारत अमेरिकी तर्क को समझ नहीं पा रहा है। अमेरिका का आरोप है कि भारत, रूस से तेल खरीद रहा है जिससे रूस को फायदा मिल रहा है और वह यूक्रेन के खिलाफ युद्ध लड़ा रहा है।

भारत रूस और चीन दोनों के साथ नजदीकियां बढ़ा रहा, व्यापार को लेकर बोले ट्रंप के सलाहकार

अमेरिका ने खुद रूस से तेल खरीदने को कहा- जयशंकर

हालांकि जयशंकर ने अमेरिका के आरोपों पर कहा, “अमेरिका ने हमसे खुद कहा था कि हमें ग्लोबल एनर्जी मार्केट को स्थिर रखने के लिए रूस से तेल खरीदना चाहिए। हम अमेरिका से भी तेल खरीदते हैं और उसमें भी लगातार वृद्धि हुई है। इसलिए हमें उनका तर्क बिल्कुल भी समझ में नहीं आ रहा है।”

जयशंकर ने कहा कि भारत-रूस संबंध द्वितीय विश्व युद्ध के बाद दुनिया के सबसे स्थिर संबंधों में से हैं। जयशंकर रूस की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं। इस दौरान उन्होंने व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक, तकनीकी और सांस्कृतिक सहयोग पर भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग (IRIGC-TEC) के 26वें सत्र की अध्यक्षता की और मॉस्को में भारत-रूस व्यापार मंच की बैठक को संबोधित किया।