Russia-Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष को लेकर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का बड़ा बयान सामने आया है। रॉयटर्स के मुताबिक, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार (14 अक्टूबर, 2022) को कहा कि उन्हें यूक्रेन में संघर्ष के बारे में कोई पछतावा नहीं है और रूस सही काम कर रहा है। रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें जो बाइडन के साथ बातचीत की कोई जरूरत नहीं दिखती। रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि रूस के साथ नाटो सैनिकों के किसी भी सीधे संघर्ष से वैश्विक तबाही होगी।
समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, कजाकिस्तान की राजधानी अस्ताना में एक संवाददाता सम्मेलन में बोलते हुए पुतिन ने कहा कि यूक्रेन को नष्ट करना रूस का उद्देश्य नहीं था। रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि है कि भारत और चीन ने यूक्रेन में शांतिपूर्ण बातचीत का समर्थन किया था। पिछले महीने जब उज्बेकिस्तान में एक शिखर सम्मेलन में संघर्ष के दौरान दोनों देश के नेता मुझसे मिले, तो उन्हें शांतिपूर्ण बातचीत की पहल करने को कहा था।
युद्ध के प्रयासों को तेज करते हुए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि उन्हें लगता है कि यूक्रेन में अपने देश के सैनिकों को मजबूत करने के लिए पिछले महीने सेना की आर्मी यूनिट्स की एक लामबंदी दो सप्ताह में पूरी हो जाएगी।
पुतिन ने शुक्रवार को कजाकिस्तान में एक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद संवाददाताओं से कहा कि रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि 300,000 आर्मी यूनिट्स में से 222,000 को बुलाया जाएगा। उनमें से कुल 33,000 पहले से ही सैन्य इकाइयों में हैं और 16,000 यूक्रेन में सैन्य अभियान में शामिल हैं।
बता दें, संयुक्त राष्ट्र संघ में गुरुवार को यूक्रेन पर हमले को लेकर रूस के खिलाफ प्रस्ताव पास हो गया। दुनिया के 143 देशों ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन का विरोध किया था। भारत एक बार फिर मतदान से दूर रहा। पांच देशों ने प्रस्ताव के पक्ष में वोट दिया। यह प्रस्ताव रूस द्वारा सुरक्षा परिषद में इसी तरह के एक अन्य प्रस्ताव को वीटो करने के कुछ दिनों बाद आया है। भारत उसमें भी भाग नहीं लिया था। मॉस्को ने सितंबर में यूक्रेन में चार आंशिक रूप से कब्जे वाले क्षेत्रों – डोनेट्स्क, लुहान्स्क, खेरसॉन और ज़ापोरिज्जिया को अपने देश में मिलाने की घोषणा की थी। उसने इसे जनमत संग्रह कहा। यूक्रेन और सहयोगियों ने जनमत को अवैध और जबरदस्ती करार दिया था।