पाकिस्तान ने निर्यात के लिए सामरिक महत्व के ग्वादर बंदरगाह का उपयोग किए जाने के रूस के अनुरोध को मंजूरी दे दी है। शीत युद्ध के दौरान दशकों तक संबंधों में खटास के बाद द्विपक्षीय संबंधों में सुधार के संकेत मिल रहे हैं। जियो न्यूज ने इस घटनाक्रम से जुड़े एक शीर्ष पाकिस्तानी अधिकारी के हवाले से बताया कि ईरान और तुर्कमेनिस्तान के बाद रूस ने भी व्यापार के लिए ग्वादर बंदरगाह का इस्तेमाल करने का फैसला किया है। अखबार ने बताया कि रूस भी 46 अरब डॉलर के चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे में शामिल होना चाहता है। इसके अलावा रूस पाकिस्तान के साथ रणनीतिक रक्षा संबंधों को विकसित करने की आकांक्षा रखता है।
विशेषज्ञों के मुताबिक पाकिस्तान रूस के साथ अपने संबंधों में सुधार करने को उत्सुक है ताकि वह अमेरिका के साथ संबंधों में कोई गतिरोध आने की स्थिति में रक्षा खरीद विकल्पों में विविधता रख सके। तुर्कमेनिस्तान की दो दिवसीय यात्रा पर गए प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा कि वह सीपीईसी में भागीदार बनने के रूस की रुचि का स्वागत करते हैं। शरीफ ने 1, 680 किलोमीटर लंबी गैस पाइपलाइन तुर्कमेनिस्तान-पाकिस्तान-अफगानिस्तान-भारत (तापी) के तहत रेलवे, सड़क और फाइबर आप्टिक का निर्माण करने की भी घोषणा की ताकि दक्षिण एशिया और मध्य एशिया के बीच संपर्क बढ़ाया जा सके।
