रूस और यूक्रेन के युद्ध के बीच रूस की ताकत में एक बड़ा इजाफा हुआ है। रूस की नौसेना को दुनिया की सबसे लंबी महाविनाशक पंडुब्बी बेलगोरोड ( K-329 Belgorod) मिल गई है। यह पनडुब्बी 184 मीटर लंबी है। यह पिछले 30 साल में बनने वाली अब तक की सबसे बड़ी पनडुब्बी है।

8 जुलाई 2022 को रूस के नेवी कमांडर इन चीफ निकोलाय टेवमेनोव पनडुब्बी के डिलीवरी सेरेमनी में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि ये शोध और विज्ञान में इस्तेमाल की जाएगी। हालांकि, इससे पहले रूस ने कहा था कि पनडुब्बी उसे 31 जुलाई तक मिलेगी, लेकिन अब वह समय से पहले ही मिल गई है। एक रक्षा विशेषज्ञ ने बताया कि पनडुब्बी किसी भी पनडुब्बी से बड़ी है और इसमें पानी के ड्रोन हैं। युद्ध से ज्यादा इसका इस्तेमाल कोवर्ट मिशन में किया जाएगा, जैसे अंडर वाटर इंटरनेट की केबल को काटना जो पश्चिमी देशों को दुनिया से अलग कर सकते हैं।

रेडियोएक्टिव सुनामी लाने की ताकत: यह पनडुब्बी भारी मात्रा में न्यूक्लियर टॉरपीडो से लैस है, जो एक रेडियोएक्टिव सुनामी लाने की ताकत रखती है। एक अत्यधिक संशोधित ऑस्कर II-श्रेणी की परमाणु संचालित गाइडेड मिसाइल पनडुब्बी, K-329 Belgorod लगभग 600 फीट लंबी है। इसमें दो OK-650V परमाणु ऊर्जा संयंत्र हैं जो 190 मेगावाट ऊर्जा प्रदान करने में सक्षम हैं।

अमेरिकी नेवल इंस्टीट्यूट न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक बेलगोरोड पनडुब्‍बी विशेष रूप से रेडियो एक्टिव सुनामी पैदा करने वाले पोसाइडन टारपीडो से लैस है। बेलगोरोड में 80 फुट के छह पोसाइडन न्यूक्लियर टॉरपीडो ड्रोन लगे हैं, जिनमें 100 मेगाटन न्यूक्लियर पेलोड भरा है। ये हथियार इतने घातक हैं कि इनके फटने से समुद्र का पानी 500 मीटर ऊपर तक उछल सकता है। इसके साथ ही जहां-जहां भी ये पानी जाएगा वो अपने साथ न्यूक्लियर रेडिएशन लेकर जाएगा।

सीक्रेट मिशन को देगी अंजाम: इस पनडुब्‍बी का कुल वजन 14,700 टन है। यह पनडुब्‍बी इतनी बड़ी है कि इसके अंदर एक छोटी सबमरीन और अत्‍याधुनिक ड्रोन विमान को छिपाया जा सकता है ताकि सीक्रेट मिशन को अंजाम दिया जा सके। बेलगोरोड पनडुब्बी समुद्र में 1700 फीट की गहराई तक गोता लगा सकती है। इतनी गहराई तक गोता लगाने के कारण दुश्मन देशों के रडार और सोनार इसका पता बहुत मुश्किल से लगा पाएंगे।

80 मील प्रति घंटा की रफ्तार: K-329 Belgorod को आधिकारिक तौर पर प्रोजेक्ट -09852 के तहत बनाया गया था। इसे मूल रूप से मूल रूप से ऑस्कर-2 क्लास की क्रूज मिसाइल पनडुब्बी से विकसित कर स्पेशल मिशन पनडुब्बी के रूप में विकसित किया गया है। इसमें लगे तारपीडो अपने साथ दो मेगाटन के परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम हैं। ऐसी दो और पनडुब्बियों को 2027 तक रूसी सेना के बेड़े में शामिल किया जाएगा। बेलगोरोड पनडुब्बी की रफ्तार 80 मील प्रति घंटा है।