अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 18 अगस्त को यूक्रेन के राष्ट्रपति वालोडीमीर जेलेंस्की से मुलाकात की थी। इस दौरान यूरोप के भी 6 बड़े नेता और नाटो चीफ भी मौजूद थे। लेकिन मंगलवार को ट्रंप ने यूक्रेन में संभावित शांति समझौते को लागू करने में मदद के लिए अमेरिकी सैनिक भेजने से इनकार कर दिया। हालांकि उन्होंने एक बार फिर से रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को चेतावनी दी। ट्रंप ने कहा कि अगर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन शांति प्रक्रिया में सहयोग नहीं करते हैं, तो उन्हें कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ेगा।
ये युद्ध नहीं होना चाहिए था- ट्रंप
फॉक्स न्यूज़ के साथ एक फोन इंटरव्यू में ट्रंप से पूछा गया कि आपको क्या लगता है कि आगे चलकर जमीन पर (यूक्रेन की) सीमा की रक्षा के लिए अमेरिकी सैनिक नहीं होंगे? ट्रंप ने कहा, “मैं बस लोगों की जान जाने से रोकने की कोशिश कर रहा हूं। वे उस बेतुके युद्ध में हर हफ़्ते 5,000 से 7,000 लोगों को खो रहे हैं जो कभी नहीं होना चाहिए था। अगर हमारे पास एक सामान्य राष्ट्रपति होता, एक महान राष्ट्रपति भी नहीं – अगर हमारे पास एक सामान्य राष्ट्रपति होता, तो यह नहीं होता।”
ट्रंप ने यह भी उम्मीद जताई कि पुतिन यूक्रेन में युद्ध समाप्त करने की दिशा में आगे बढ़ेंगे। हालांकि उन्होंने यह भी माना कि यह संभव है कि रूसी राष्ट्रपति कोई समझौता नहीं करना चाहे। ट्रंप ने कहा, “ईमानदारी से कहूं तो मुझे नहीं लगता कि यह कोई समस्या होगी। मुझे लगता है कि पुतिन इससे (युद्ध) थक चुके हैं। मुझे लगता है कि वे सभी इससे थक चुके हैं, लेकिन आप सबकुछ नहीं जानते।”
पुतिन को ट्रंप ने क्यों किया फोन?
ट्रंप ने कहा, “हमें अगले कुछ हफ़्तों में राष्ट्रपति पुतिन के बारे में पता चल जाएगा। हो सकता है कि वह कोई समझौता न करना चाहें। अगर ऐसा हुआ तो पुतिन को कठिन परिस्थिति का सामना करना पड़ेगा।” सोमवार की वार्ता के बाद ट्रंप ने कहा कि उन्होंने पुतिन और ज़ेलेंस्की के बीच एक आमने-सामने की बैठक की व्यवस्था करने में मदद के लिए पुतिन को फ़ोन किया था, जिसके बाद उनकी अपनी एक त्रिपक्षीय बैठक भी होगी।
पुतिन को ट्रंप ने दी चेतावनी
ट्रंप ने इंटरव्यू में कहा कि उनका मानना है कि पुतिन और ज़ेलेंस्की के बीच संबंध थोड़े बेहतर हो सकते हैं, वर्ना उनकी बैठक आगे नहीं बढ़ती। उन्होंने पुतिन के साथ अपने मधुर संबंधों पर भी ज़ोर दिया। हालांकि ट्रंप ने बातचीत के टूटने की संभावना को भी स्वीकार किया। उन्होंने कहा, “मुझे उम्मीद है कि राष्ट्रपति पुतिन अच्छे रहेंगे और अगर वे नहीं रहेंगे, तो स्थिति मुश्किल हो जाएगी। मुझे उम्मीद है कि राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की वही करेंगे जो उन्हें करना है। उन्हें कुछ फ्लेक्सिबिलिटी भी दिखानी होगी।”
ट्रंप ने पुतिन और ज़ेलेंस्की के साथ बातचीत की मुश्किलों का भी जिक्र करते हुए कहा, “मैंने उनसे (पुतिन) कहा कि हम राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की के साथ एक बैठक तय करेंगे और आप और वह मिलेंगे। फिर उस बैठक के बाद अगर सब कुछ ठीक रहा, तो मैं मिलूँगा और हम बातचीत पूरी कर लेंगे। इस मामले में बातचीत के लिए दो लोगों की जरूरत होती है। उनके बीच कुछ हद तक संबंध होना जरूरी है, वरना हम बहुत समय बर्बाद कर रहे हैं।”
सैनिक नहीं भेजेगा अमेरिका
किसी भी शांति समझौते के तहत यूक्रेन के लिए सुरक्षा गारंटी के मुद्दे पर ट्रंप ने कहा कि यूरोप किसी न किसी रूप में सैनिक भेजने के लिए तैयार है, लेकिन अमेरिका ऐसा नहीं करेगा। हालांकि ट्रंप अन्य प्रकार की सहायता देने को तैयार हैं। उन्होंने कहा, “सुरक्षा का कोई न कोई रूप तो होगा ही। यह नाटो नहीं हो सकता। वे ज़मीन पर लोगों को तैनात करने को तैयार हैं। हम उनकी मदद करने को तैयार हैं, खासकर अगर आप एयर रूट से बात कर सकें।”