रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग (Russia-Ukraine Crisis) के बीच एक बार फिर से चर्नोबिल परमाणु संयंत्र को लेकर बहस तेज हो गई है। चर्नोबिल पर रूस के कब्‍जे के बाद इसके इतिहास को लेकर चर्चाएं जारी हैं। इस बीच, विशेषज्ञों का कहना है कि इस समय सामान्य से ज्यादा रेडिएशन हो रहा है। चर्नोबिल संयंत्र को रूसी सेना ने अपने कब्जे में ले लिया है।

परमाणु संयंत्र में 26 अप्रैल 1986 को एक भयानक हादसा हुआ था जिसके बाद ये संयंत्र पूरी तरह से तबाह हो गया था। कई वर्षों के वैज्ञानिक अनुसंधान और सरकारी जांच के बाद भी, चर्नोबिल डिजास्टर को लेकर कई सवालों के जवाब अभी तक नहीं मिल पाए हैं, विशेष रूप से लंबे समय तक लोगों पर पड़ने वाले स्वास्थ्य प्रभावों के बारे में।

प्रिपयात शहर की स्थापना 1970 में हुई थी, जो पावर प्लांट के नजदीक का शहर था और केवल 2 मील की दूरी पर था और 1986 में लगभग 50,000 लोग यहां पर रहा करते थे। एक छोटा और पुराना शहर चर्नोबिल लगभग 9 मील दूरी पर स्थित था और यहां पर करीब 12,000 लोग रहते थे। इसके अलावा मुख्य रूप से खेत थे।

परमाणु विकिरण के प्रभावों पर संयुक्त राष्ट्र की वैज्ञानिक समिति (UNSCEAR) के अनुसार, 26 अप्रैल, 1986 को नियमित रखरखाव जांच के दौरान विस्फोट हुआ था। ऑपरेटर्स इलेक्ट्रिकल सिस्टम को टेस्ट करने का प्लान कर रहे थे और उन्होंने सुरक्षा नियमों के खिलाफ जाकर महत्वपूर्ण कंट्रोल सिस्टम को बंद कर दिया। इससे रिएक्टर खतरनाक रूप से अस्थिर कर दिया और वह निम्न पॉवर लेवल पर पहुंच गया।

26 अप्रैल, 1986 को हुआ था हादसा

हालांकि विस्फोट के वास्तविक कारण पर अभी भी कुछ असहमति है, आमतौर पर यह माना जाता है कि पहला भाप की अधिकता के कारण था और दूसरा हाइड्रोजन से प्रभावित था। एनईए के अनुसार, विस्फोट 26 अप्रैल को सुबह 1:23 बजे हुआ, जिसमें रिएक्टर 4 नष्ट हो गया और आग लग गई। इसके बाद हवा के सहारे जहरीला धुआं फैलने लगा। प्रिपयात को खाली कराना 27 अप्रैल से शुरू हुआ, इस हादसे के करीब 36 घंटे बाद। उस समय तक, कई लोग उल्टी, सिरदर्द और अन्य बीमारियों की शिकायतें करने लगे थे। इस धमाके में आधिकारिक तौर पर रिएक्टर के अंतर्भाग के विस्फोट में दो इंजीनियरों की मौत हुई थी और कुछ घायल हुए थे।

अधिकारियों ने 14 मई तक संयंत्र के चारों ओर 18 मील क्षेत्र को बंद कर दिया, जिससे 116,000 लोगों को निकाला गया। वर्ल्ड न्यूक्लियर एसोसिएशन के अनुसार, अगले कुछ वर्षों के भीतर, 220,000 और लोगों को इलाके से दूर जाने की सलाह दी गई। अमेरिकी परमाणु नियामक आयोग (एनआरसी) के अनुसार, दुर्घटना के बाद पहले चार महीनों में चर्नोबिल में 28 श्रमिकों की मौत हुई थी। UNSCEAR की 2018 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 1991 और 2015 के बीच 18 वर्ष से कम आयु के रोगियों में थायराइड कैंसर के 20,000 मामले सामने आए थे।