Russia Ukraine War News: रूस और यूक्रेन के बीच बीते आठ महीने से संघर्ष जारी है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने अपने देश के नागरिकों से वादा किया है। उन्होंने कहा कि एक सप्ताह में यूक्रेन का और अधिक हिस्सा वापस कर लेंगे। जेलेंस्की ने पूर्वी डोनबास क्षेत्र के अधिक क्षेत्रों को रूसी सेना से वापस लेने का संकल्प लिया है।
जेलेंस्की ने अपने संबोधन में कहा, ‘इस पूरे सप्ताह के दौरान, डोनबास में अधिक यूक्रेनी झंडे लहराए गए हैं। एक सप्ताह में और भी अधिक होंगे। उसके बलों ने प्रमुख पूर्वी शहर लाइमन में जाना शुरू कर दिया है और रक्षा मंत्रालय ने वहां पीले और नीले रंग का यूक्रेनी झंडा के साथ पकड़े सैनिकों का एक वीडियो पोस्ट किया था।
वहीं रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उसने शहर से अधिक अनुकूल लाइनों के लिए सैनिकों को वापस ले लिया। जेलेंस्की ने रूसियों से कहा कि जब तक राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, जिन्होंने फरवरी में यूक्रेन पर आक्रमण का आदेश दिया था, सत्ता में बने रहेंगे, उन्हें एक-एक करके खारिज किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जब तक आप सभी उस समस्या का समाधान नहीं करेंगे जिसने यह सब शुरू किया, जिसने यूक्रेन के खिलाफ रूस के लिए यह मूर्खतापूर्ण युद्ध शुरू किया। जेलेंस्की ने युद्ध को रूस के लिए एक ऐतिहासिक गलती बताया है।
यूक्रेन संकट का कोई सैन्य समाधान नहीं हो सकता: पीएम मोदी
वहीं यूक्रेन संकट के सैन्य समाधान को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से टेलीफोन पर बातचीत की और इस बात पर बल दिया कि यूक्रेन संकट का कोई सैन्य समाधान नहीं हो सकता। उन्होंने यह रेखांकित भी किया कि परमाणु केंद्रों को खतरे में डालने के दूरगामी और विनाशकारी प्रभाव हो सकते हैं।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि मोदी और जेलेंस्की ने यूक्रेन में जारी युद्ध पर बातचीत की और इस दौरान एक बार फिर दोहराया कि बातचीत और कूटनीति के जरिए ही इसका समाधान निकल सकता है। मोदी ने जल्द से जल्द युद्ध की समाप्ति का भी आह्वान किया।
पीएमओ ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने दृढ़ विश्वास जताया कि यूक्रेन संकट का कोई सैन्य समाधान नहीं हो सकता। उन्होंने यह संदेश भी दिया कि भारत किसी भी शांति प्रयास में योगदान देने के लिए तैयार है। मोदी ने इस दौरान संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अंतरराष्ट्रीय कानूनों और सभी देशों की क्षेत्रीय एकता व सार्वभौमिकता का सम्मान करने के महत्व को एक बार फिर दोहराया।
बातचीत के दौरान मोदी ने यूक्रेन सहित अन्य परमाणु केंद्रों की सुरक्षा पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि परमाणु केंद्रों को खतरे में डालने के जन स्वास्थ्य, पर्यावरण पर दूरगामी और विनाशकारी प्रभाव हो सकते हैं। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय सहयोग से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा की। दोनों नेताओं के बीच पिछले साल नवंबर में ग्लासगो में द्विपक्षीय बाचतीच हुई थी।