स्विट्जरलैंड में दो दिवसीय शांति सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसमें 80 देश एक मंच पर एक साथ आए और यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता को आधार बनाते हुए शांति समझौते पर बात की। इस मंच पर रूस-यूक्रेन में चल रहे युद्ध को लेकर शांति प्रस्ताव पेश किया गया। रूस यूक्रेन के बीच युद्ध 2 साल से अधिक समय से चल रहा है। इस युद्ध में हजारों लोगों की मौत भी हो चुकी है।

सम्मलेन में रूस नहीं हुआ शामिल

हालांकि इस सम्मेलन में कुछ विकासशील देश शामिल नहीं हुए। इसमें रूस भी शामिल नहीं था। इस सम्मेलन में चर्चा हुई कि रूस के 2 साल के युद्ध के कारण यूक्रेन से परमाणु सुरक्षा, कैदियों के आदान प्रदान और खाद्य निर्यात के मुद्दों को कैसे सुलझाया जाए। सोमालिया और केन्या जैसे देश भी सम्मेलन में शामिल हुए और युद्ध कैसे खत्म हो, इस पर अपना दृष्टिकोण रखा।

इस सम्मेलन में कई देशों को उम्मीद है कि रूस भी इसमें शामिल होगा और यूक्रेन के क्षेत्र का सम्मान करने के लिए सहमत होगा। यूक्रेन का एक चौथाई हिस्सा रूस के कब्जे में है। आयरलैंड के प्रधानमंत्री साइमन हैरिस ने कहा कि यदि हम वैश्विक व्यवस्था की ओर लौटते हैं तो आज स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में हम जिस स्वतंत्रता का आनंद ले रहे हैं, वह गंभीर खतरे में पड़ जाएगी।

कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुल रहमान भी इसमें शामिल हुए। उन्होंने बताया कि कैसे खाड़ी देशों ने यूक्रेन और रूसी प्रतिनिधिमंडलों के साथ यूक्रेनी बच्चों को उनके परिवार के साथ फिर से मिलाने के लिए बातचीत की। उनका कहना है कि 34 बच्चों को इसी कारण फिर से मिलाया जा चुका है।

व्हाइट हाउस ने दिया बड़ा बयान

व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने इस सम्मेलन को लेकर कहा कि हमें काम करना होगा और कतर जैसे देशों के प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि लगभग सभी कह रहे हैं कि रूस ने जो किया है वह निंदनीय है और इसे वापस लिया जाना चाहिए। यूक्रेन सरकार कहती है कि 19,000 से अधिक बच्चों को जबरन विस्थापित किया गया है।