यूक्रेन के साथ जारी जंग के बीच रूस में आज से राष्ट्रपति पद के लिए वोटिंग शुरू हो गई है। इस बार राष्ट्रपति पद के लिए तीन दिन तक वोटिंग चलेगी। लोगों को सुबह 8 बजे से रात 8 बजे मतदान का समय दिया गया है। 17 मार्च तक वोटिंग जारी रहेगी। व्लादिमीर पुतिन बार फिर राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बने हैं। उनका 5वीं बार राष्ट्रपति बनना लगभग तय माना जा रहा है।

रूस में इस बार राष्ट्रपति का चुनाव कई मायनों में खास रहने वाला है। यह चुनाव ऐसे समय में हो रहा है जब यूक्रेन के साथ जंग जारी है। रूस में फिलहाल कोई ताकतवर विपक्ष मौजूद नहीं है। पुतिन अब तक चार बार रूस के राष्ट्रपति चुने जा चुके हैं। आंकड़ों पर नजर डालें तो चुनाव दर चुनाव उनका वोटिंग प्रतिशत बढ़ा है। 2000 में जब पुतिन पहली बार रूस से राष्ट्रपति बने तो उन्हें 54 फीसदी वोट मिले थे। इसके बाद 2004 में उन्हें 72 फीसदी वोट मिले। 2012 में उन्हें 65 फीसदी और 2018 के राष्ट्रपति चुनाव में पुतिन ने 77 फीसदी वोट मिले।

रूस में कैसे चुना जाता है राष्ट्रपति

रूस में राष्ट्रपति का चुनाव थोड़ा अलग होता है। यहां ‘पॉपुलर वोट’ से राष्ट्रपति चुने जाते हैं। जिस उम्मीदवार को 50 फीसदी से अधिक वोट मिलते हैं वहीं सत्ता पर काबिज होता है। अगर 50 फीसदी वोट नहीं मिलते हैं तो तीन हफ्तों बाद दोबारा चुनाव होता है। इसमें टॉप-2 उम्मीदवारों के बीच मुकाबला किया जाता है। इनमें से जिसे सबसे अधिक वोट मिलते हैं वह राष्ट्रपति बनता है।

पुतिन का इस बार किससे मुकाबला?

पुतिन के सामने इस बार चुनाव में तीन उम्मीदवार निकोलाई खारितोनोव, लियोनिद स्लत्स्की, व्लादिस्लाव दावानकोव हैं। इनमें निकोलाई खारितोनोव रूसी संसद के निचले सदन स्टेट ड्यूमा के सदस्य हैं। लियोनिद स्लत्स्की स्टेट ड्यूमा के सदस्य हैं। वह लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ रशिया के नेता हैं। 2018 में महिला पत्रकारों के एक समूह ने उनपर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। वहीं व्लादिस्लाव दावानकोव सबसे कम उम्र के उम्मीदवार हैं। वह स्टेट ड्यूमा के डिप्टी चेयरमैन हैं।