रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन को विदेश में सैन्य ताकत के इस्तेमाल के लिए संसद से मंजूरी मिलने के बाद रूस ने सीरिया में बुधवार को आइएस के ठिकानों पर हमले किए।
पुतिन ने कहा- यह कार्रवाई पहले से ही उठाया गया कदम और एक चेतावनी है कि इस्लामिक स्टेट (आइएस) के आतंकवादी रूस को निशाना बनाए, उससे पहले ही मास्को उसके पीछे पड़ जाएगा। उन्होंने टेलीविजन पर कहा-‘अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद से लड़ने का एकमात्र सही तरीका है कि पहले से लड़ाकों और आतंकवादियों पर कार्रवाई करना, उन क्षेत्रों में ही उनसे लड़ना और उन्हें नष्ट करना, जहां उन्होंने पहले से ही कब्जा जमा रखा है, न कि इस बात का इंतजार करना कि वे हम तक पहुंचें।’
रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि मास्को ने सीरिया में आतंकवादियों के खिलाफ हवाई हमले शुरू किए। एक सीरियाई सुरक्षा सूत्र ने बताया कि रूस के लड़ाकू विमानों ने तीन प्रांतों को निशाना बनाया।
रूस ने यह कार्रवाई ऐसे वक्त में की है कि जब पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा सीरिया में इस्लामिक स्टेट को पराजित करने के तौर-तरीकों पर तथा देश के संकटग्रस्त नेता बशर अल असद की भूमिका के संदर्भ में प्रतिद्वंद्वी योजनाओं को आगे बढ़ा रहे हैं।
पुतिन को विदेश में सैनिकों की तैनाती के बारे में महज कुछ घंटे पहले ही संसद के उच्च सदन ‘फेडरेशन आॅफ काउंसिल’ से इन हमलों की मंजूरी मिली थी। क्रेमलिन के चीफ आॅफ स्टाफ सर्गेई इवानोव ने टेलीविजन पर कहा-‘फेडरेशन कॉफ काउंसिल ने एकमत से राष्ट्रपति के अनुरोध का समर्थन किया है।’ उन्होंने अभियान का ब्योरा देने से इनकार कर दिया और कहा कि यह निश्चित समय सीमा के लिए होगा और रूसी सैनिक जमीन पर अभियान में शामिल नहीं होंगे।
हमले शुरू करने से पहले रूस ने भारत को बता दिया था कि आइएस और अन्य आतंकवादी समूहों के खिलाफ लड़ाई में सैन्य सहायता के सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद के अनुरोध पर वह सीरिया में आतंकवादियों के ठिकानों पर हवाई और राकेट हमले शुरू कर रहा है।
नई दिल्ली में रूसी दूतावास ने विदेश मंत्रालय को आधिकारिक रूप से इसकी सूचना दी कि सीरिया में आइएस और अन्य आतंकवादी समूहों के खिलाफ लड़ाई में सैन्य सहायता के सीरियाई राष्ट्रपति के अनुरोध पर रूस सीरिया के सभी क्षेत्रों में आतंकवादियों के ठिकानों पर हवाई और राकेट हमले शुरू कर रहा है।
