इस साल के अंत में रूस और पाकिस्तान अपना पहला संयुक्त सैन्य अभ्यास करेंगे। पाकिस्तानी मीडिया में आई खबरों के अनुसार इस संयुक्त सैन्य अभ्यास में दोनों देशों के 200 सैनिक हिस्सा लेंगे। शीत युद्ध के समय से परस्पर विरोध माने जाने वाले दोनों देशों के संबंध में इस संयुक्त सैन्य अभ्यास को एक नई पहल माना जा रहा है। पिछले कुछ समय में रूस और पाकिस्तान के बीच रक्षा संबंध पहले से मजबूत हुए हैं। खबरों के अनुसार पाकिस्तान रूस से युद्धक विमान खरीदना चाहता है।

रूस में पाकिस्तानी राजदूत क़ाजी खलीलुल्लाह ने पाकिस्तानी अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून को बताया दोनों देश पहली बार संयुक्त सैन्य अभ्यास कर रहे हैं। खलीलुल्लाह के अनुसार इस संयुक्त सैन्य अभ्यास को “फ्रेंडशिप 2016” नाम दिया गया है। हालांकि उन्होंने इस सैन्य अभ्यास का ब्योरा नहीं दिया। खलीलुल्लाह ने कहा, “इससे रक्षा और सैन्य तकनीकी में साझेदारी बढ़ाने की दोनों देशों की अच्छा जाहिर होती है।” माना जा रहा है कि मई 2011 में पाकिस्तान में अल-कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन की अमेरिकी कमांडों की खुफिया कार्रवाई में मारे जाने के बाद दोनों देशों के रिश्ते तल्ख होने लगे हैं। उसके बाद अमेरिकी संसद ने पाकिस्तान को ए-16 विमान खरीदने के लिए फंड देने पर रोक लगा दी थी।

पिछले 15 महीनों में पाकिस्तान के थल सेना, नौसेना और वायु सेना के प्रमुख रूस का दौरा कर चुके हैं। दोनों देशों के उच्च स्तरीय अधिकारियों के बीच हुई बैठक के बाद अगस्त 2015 में पाकिस्तान ने रूस से एम-35 हेलीकॉप्टर खरीदने का सौदा पक्का किया। पाकिस्तान रूस से सू-35 फाइटर जेट भी खरीदना चाहता है। सोमवार (12 सितंबर) को रूस ने दक्षिण चीन सागर में चीन के साथ आठ दिनों तक चलने वाला संयुक्त सैन्य अभ्यास शुरू किया। दक्षिण चीन सागर में चीन के बढ़ते दखल के चलते क्षेत्रीय राजनीति में तनाव बढ़ गया। इसी साल जुलाई में हेग स्थित अंतरराष्टरीय अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि दक्षिण चीन सागर पर चीन का ऐतिहासिक अधिकार नहीं है। अंतरराष्ट्रीय अदालत ने चीन द्वारा पर्यावरण को पहुंचाए जा रहे नुकसान की भी आलोचना की थी।