अंग्रेज नाटककार और कवि विलियम शेक्सपीयर ने कभी कल्पना भी नहीं की होगी कि उनका एक चरित्र हजारों साल बाद हजारों मील समंदर पार 125 करोड़ आबादी वाले किसी देश में इतनी चर्चा पाएगा और एक प्रदेश की पुलिस युवाओं को “रोमियो” बनने से रोकने के लिए एक विशेष दस्ता बनाएगी जिसका नाम “एंटी-रोमियो स्क्वैड” होगा। आज भले ही रोमियो शेक्सपीयर के नाटक रोमियो एंड जूलियट के पात्र के रूप में विख्यात हो लेकिन आपको ये जानकर शायद हैरत हो कि रोमियो और जूलियट के चरित्र शेक्सपीयर की मौलिक रचना नहीं थे। शेक्सपीयर के जन्म से 100 साल से भी पहले पहली बार रोमियो और जूलियट की प्रेम कहानी लिखी जा चुकी थी।
शेक्सपीयर (1564-1616) ने महज 51 वर्ष की उम्र में 37 नाटक लिखे जिनमें से कम से कम आधा दर्जन आज भी लोकप्रिय हैं। रोमियो-जूलियट को निर्विवाद रूप से पश्चिमी दुनिया की सबसे लोकप्रिय प्रेमकथा कहा जा सकता है। शेक्सपीयर को इसकी प्रेरणा अपने ही हमवतन लेखक और कवि आर्थर ब्रूक के प्रबंध काव्य “द ट्रैजिक हिस्ट्री ऑफ रोमियस एंड जूलियट” से मिली थी। ब्रूक्स की मौत 1563 में शेक्सपीयर के जन्म से एक साल पहले हो गई थी। हालांकि ब्रूक्स की किताब 1587 में पुनर्प्रकाशित हुई थी। एक अन्य अंग्रेज लेखक विलियम पेंटर ने ‘पैलेस ऑफ प्लेजर’ नाम से इसका गद्य अनुवाद किया था। माना जाता है कि शेक्सपीयर ने रोमियो एंड जूलियट 1592-1596 के बीच लिखी थी और इसका प्रकाशन 1597 में हुआ था।
रोमियो और जूलियट की कहानी साहित्य संसार में पहली बार इटली के लेखक मासिको सैलेरनितानो (1410-1475) ने पेश की थी। सैलेरनिताने के उपन्यास में रोमियो और जूलियट इटली के सिएना के रहने वाले थे। सैलेरनितानो और शेक्सपीयर दोनों की कहानी में काफी समानताएं हैं। माना जाता है कि सैलेरनितानो ने एक स्थानीय प्रेमी जोड़े से प्रेरित होकर ये कहानी लिखी थी। हालांकि कुछ लोग इसे उसकी आपबीती भी मानते हैं। रोमियो और जूलियट से जुड़ी दूसरी चर्चित रचना लुइगी डा पोर्टा ने 1530 के दशक में लिखी। पोर्टा की किताब में दो प्रेमियों रोमियो मोनटेची और गिउलिएता कैपेलेती की कहानी कही गई है। पोर्टा की कहानी में दोनों इटली के वेरोना के निवासी हैं। याद रहे कि शेक्सपीयर के रोमियो एंड जूलियट भी इटली के वेरोना के रहने वाले थे।
पोर्टा के बाद भिक्षु और लेखक मातियो बांदेलो (1480-1562) ने भी रोमियो और जूलियट की कहानी लिखी। बांदेलो ने अपनी कहानी में जो तत्व इस्तेमाल किए उनका प्रभाव शेक्सपीयर के नाटक में साफ दिखता है। उसके बाद फ्रांसीसी लेखक पियरे बोयाइस्तियायु ने रोमियो टाइटेंसस और जूलियट बिबलियोतेत की प्रेम कहानी पर उपन्यास लिखा। माना जाता है कि आर्थर ब्रुक की रचना पियरे के उपन्यास का अनुवाद थी। साहित्य के मामले में मौलिकता का सवाल हमेशा विवादित रहा है इसलिए हम इस बात को यहीं छोड़ते हैं कि शेक्सपीयर ने रोमियो एंड जूलियट की रचना के लिए किन सामग्रियों का उपयोग किया था। लेकिन इतना तो तय है कि रोमियो वास्तविक रहा हो या काल्पनिक दोनों ही हाल में उसका जन्म इटली में हुआ था। शायद इसीलिए शेक्सपीयर ने भी उसे इटली का ही दिखाया है।