रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ बगावत करने वाले रूस प्राइवेट आर्मी के प्रमुख येवगेनी प्रिगोजिन की विमान हादसा में मौत हो गई है। रूस की फेडरल ट्रांसपोर्ट एजेंसी ने बुधवार को हुए विमान हादसे में मरने वालों की सूची जारी की । सूची में 10 लोगों की मौत की पुष्टि की गई है। वैगनर ग्रुप के प्रमुख येवगेनी प्रिगोजिन और उनके सह-संस्थापक दमित्री अतकीन के अलावा पांच अन्य यात्रियों और चालक दल के तीन सदस्य की हादसे में मौत हो गई है। हालांकि अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है कि विमान को मारकर गिराया गया है या फिर इसमें कुछ तकनीकी खराबी के कारण इसके अंदर विस्फोट हुआ।

बता दें कि इस साल जून में येवगेनी प्रिगोजिन ने रूस के राष्ट्रपति के खिलाफ बगावत कर दी थी। वैगनर ग्रुप की सेना ने मास्को की तरफ चढ़ाई शुरू कर दी थी। लेकिन थोड़े समय बाद रूस की सरकार से समझौता होने के बाद प्रिगोजिन के खिलाफ सभी आरोप वापस ले लिए गए । इस घटना के बाद से ही यह आशंका जताई जा रही थी कि येवगेनी प्रिगोजिन को पुतिन दिल से माफ नहीं करेंगे। मॉस्को के खिलाफ बगावत करने के बाद से ही येवगेनी प्रिगोजिन को रूस पर नजर रखने वालों ने “चलता फिरता मरा हुआ आदमी” कहना शुरू कर दिया था। रूस में कहा जाता है कि व्लादिमीर पुतिन ना तो अपने गद्दारों को माफ करते हैं और ना ही उन्हें चुनौती देने वालों को।

पुतिन से बगावत पड़ती है भारी

रूस के खुफिया अधिकारी अलेक्जेंडर लिट्विनेंको ने पुतिन पर आरोप लगाया था कि पुतिन ने जान बूझकर कई आवासीय इमारतों को उड़ाने का आदेश दिया था। ताकि रूस पर हमला करने का आरोप चेचन अलगाववादियों पर लगाया जा सके। इसके बाद पुतिन ने अलेक्जेंडर को देशद्रोही कहा था। इसके बाद अलेक्जेंडर रूस छोड़कर इंग्लैंड में जाकर बस गया। रूसी जासूस अलेक्जेंडर लिट्विनेंको को साल 2006 में अचानक से तबियत खराब होने के बाद लंदन के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। जांच के बाद पता चला की अलेक्जेंडर को रेडियोएक्टिव पदार्थ पोलोनियम-210 खिलाया गया था। इस जहर को खाने के बाद अलेक्जेंडर की धीमी और दर्दनाक मौत हो गई थी।

बाद की जांच में यह निष्कर्ष निकला कि अलेक्जेंडर के हत्यारे अपने साथ रेडियोएक्टिव पदार्थ रूस से ही लेकर आये थे। जांच में यह भी पता चला कि इस जहरीले पदार्थ को रूस की सरकारी प्रयोगशाला में ही बनाया गया था। मॉस्को ने अलेक्जेंडर की मौत में किसी भी तरह की संलिप्तता से किनारा कर लिया। इंग्लैंड की ओर से इस मामले में रूस के दो लोगों पर आरोप लगाया गया हालांकि उन्होंने आत्मसमर्पण करने से इनकार कर दिया। यूरोपियन कोर्ट ने 2021 में इस हत्याकांड के पीछे रूस का हाथ बताया था।

केजीबी अधिकारी की जहर से मौत

रूसी नागरिक और रूस की जासूसी एजेंसी केजीबी के पूर्व अधिकारी सर्गेई स्क्रिपल मिलिट्री के रिटायर्ड अफसर थे। रूस की सरकार ने साल 2006 में उन्हें रूस के खिलाफ जासूसी करने के आरोप में जेल भेज दिया था। रूस ने दावा किया कि सर्गेई स्क्रिपल ने ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी एमआई-16 से हाथ मिला लिया था। रूस ने दावा किया कि एमआई-16 ने जासूसी के बदले सर्गेई स्क्रिपल को एक लाख डॉलर रुपये दिए। जेल से रिहा होने के कुछ समय बाद सर्गेई स्क्रिपल रूस छोड़कर ब्रिटेन में शिफ्ट हो गए। रूस की सरकार ने साल 2018 में सर्गेई स्क्रिपल और उनकी बेटी यूलिया की हत्या कर अपना बदला लेने के लिए एक योजना बनाई। योजना के तहत जीआरयू (GRU) के रूसी सैन्य खुफिया अधिकारियों ने कथित तौर पर सैलिसबरी में उनके घर के दरवाजे के हैंडल पर नोविचोक नर्व एजेंट नाम का जहर लगा दिया। जिसमें वे लोग बाल-बाल बच गए। सर्गेई स्क्रिपल की हत्या करने के लिए इस्तेमाल किए गए जहर की बोतल बाद में विल्टशायर निवासी डॉन स्टर्गेस को मिली, जिसे उसने परफ्यूम समझ कर अपनी कलाई पर लगा लिया। जहर लगाने के कुछ समय बाद ही उसके हाथ और पैर ने काम करना बंद कर दिया और उसकी मृत्यु हो गई।

बिजनेसमैन हो या आलोचक, पुतिन ने किसी को नहीं बख्शा

रूस के अंदर ऐसे लोगों की एक लंबी सूची है जिन्हें पुतिन से बगावत करने की सजा मिली है। इसमें आलोचक और व्यवसायी दोनों शामिल हैं। इन लोगों की अचानक मृत्यु हो गई और मरने वाले सभी लोग कभी ना कभी रूस की सरकार का विरोध कर चुके हैं। राष्ट्रपति पुतिन के सबसे मुखर प्रतिद्वंद्वी एलेक्सी नवलनी की साल 2020 में साइबेरिया में एक विमान से सफर करने के दौरान तबियत अचानक से खराब होने लगी। एलेक्सी के हाथ-पैर ने काम करना बंद कर दिया। आपात परिस्थिति में उनको साइबेरिया के एक हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। उनकी तबियत में जब कोई सुधार नहीं हुआ तो जर्मनी की सरकार ने उनको एयरलिफ्ट कर जर्मनी के सबसे अच्छे अस्पताल में इलाज के लिए भेजा गया।

एलेक्सी जर्मनी में इलाज के दौरान कोमा में चले गए। जर्मनी की सरकार ने रूस पर आरोप लगाया कि पुतिन ने एलेक्सी की हत्या करने के लिए नोविचोक नाम का जहर दिया था। बता दें कि एलेक्सी राष्ट्रपति पुतिन के कड़े आलोचक हैं और उन्होंने पुतिन की यूनाइटेड रशिया पार्टी में हो रहे भ्रष्टाचार का लगातार विरोध किया। पुतिन ने साल 2020 में संविधान में बदलाव कर अपना कार्यकाल बढ़ा लिया था। संविधान बदलाव के बाद एलेक्सी ने पुतिन का कड़ा विरोध किया। पुतिन का विरोध करने के कारण एलेक्सी कई बार जेल जा चुके है और इस दौरान कई बार उनकी हत्या करने की कोशिश भी की गई थी। रूस सरकार ने एलेक्सी के ऊपर भ्रष्टाचार का आरोप लगा कर उनको गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल एलेक्सी रूस के जेल में अपनी सजा काट रहे हैं। उन्हें रूस की अदालत ने भ्रष्टाचार के मामले में 19 साल की सजा सुनाई है।