माइक्रोसाफ्ट के आफिस सूट में शामिल ‘आउटलुक ईमेल’ और ‘वनड्राइव फाइल-शेयरिंग ऐप’ तथा कंपनी के ‘क्लाउड कंप्यूटिंग प्लेटफार्म’ से जुड़ी कई सेवाओं में जून की शुरुआत में छिटपुट, लेकिन गंभीर व्यवधान सामने आए।

एक हैकर समूह ने माइक्रोसाफ्ट से जुड़ी सेवाओं पर हमले की जिम्मेदारी लेते हुए दावा किया कि उसने ‘जंक ट्रैफिक’ को कंपनी की कई साइट की तरफ मोड़ा, जिससे उनकी सेवाएं प्रभावित हुर्इं। हालांकि, साफ्टवेयर कंपनी ने इस संबंध में कुछ विवरण तो दिए, लेकिन इस तथ्य पर तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की कि इससे उसके कितने ग्राहक प्रभावित हुए और इसका वैश्विक स्तर पर क्या प्रभाव पड़ा।

एक प्रवक्ता ने पुष्टि की कि इन हमलों के पीछे ‘एनानिमस सूडान’ नाम के हैकर समूह का हाथ था, जिसने उस समय अपने ‘टेलीग्राम’ अकाउंट पर इसकी जिम्मेदारी ली थी। कुछ सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह समूह रूस से नाता रखता है। ‘द एसोसिएटेड प्रेस’ के अनुरोध पर माइक्रोसाफ्ट ने हाल में एक ‘ब्लाग पोस्ट’ में इस मामले की जानकारी दी। कंपनी ने कहा, ‘हमलों ने कुछ सेवाओं को ‘अस्थायी रूप से प्रभावित’ किया। हमलावरों का मकसद ‘व्यवधान डालना और सुर्खियों में आना’ था।

उन्होंने संभवत: दुनियाभर के ‘जाम्बी कंप्यूटर’ (हैकर द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले कंप्यूटर) के तथाकथित ‘बाटनेट’ से माइक्रोसाफ्ट के विभिन्न सर्वर पर हमला करने के लिए ‘क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर’ और ‘वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन)’ को किराए पर लिया था।’ हालांकि, माइक्रोसाफ्ट ने कहा कि इस साइबर हमले से किसी ग्राहक के डेटा में सेंध लगने या उसकी निजता प्रभावित होने के कोई सबूत नहीं मिले हैं।