रानिल विक्रमसिंघे एक बार फिर से श्रीलंका के प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ की तैयारी में हैं क्योंकि संसदीय चुनाव में उनकी युनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) साधारण बहुमत के निकट पहुंच गई है और ऐसे में वह गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर सकते हैं। दूसरी तरफ प्रतिद्वंद्वी महिंदा राजपक्षे ने कड़े मुकाबले में हार स्वीकार कर ली है।

स्थानीय मीडिया के अनुसार विक्रमसिंघे (66) राष्ट्रपति सचिवालय में एक सादे समारोह में शपथ लेंगे और राष्ट्रीय सरकार की कैबिनेट का गठन बाद में किया जाएगा। यूएनपी 22 निर्वाचक जिलों में से कम से कम 11 में जीतती दिखाई दे रही है दूसरी तरफ राजपक्षे की यूपीएफए महज 8 जिलों में जीत हासिल करती नजर आ रही है।

मतगणना के पूरा होने के करीब पहुंचने के साथ ही विक्रमसिंघे ने एक बयान जारी कर कहा कि मैं आप सभी को हाथ मिलाने के लिए आमंत्रित करता हूं। चलिए साथ मिलकर सभ्य समाज का निर्माण करते हैं, सहमति वाली सरकार बनाते हैं और नया देश बनाते हैं।

आखिरी नतीजों का ऐलान अभी नहीं हुआ है, लेकिन निर्वाचन अधिकारियों का कहना है कि यूएनपी 225 सदस्यीय असेंबली में साधारण बहुत वाली 113 की संख्या से कुछ पीछे रह जाएगी। ऐसी स्थिति में गठबंधन सरकार का ही विकल्प बचेगा। उत्तर के तमिल बहुल जिलों में तमिल नेशनल अलायंस (टीएनए) सभी तीन जिलों में जीत हासिल कर सबका सूपड़ा साफ करती नजर आ रही है।