Queen Elizabeth II: महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की वसीयत को 90 सालों के लिए सील कर तिजोरी में बंद कर रख दिया जाएगा। 1910 से चली आ रही इस प्रथा के तहत उनकी वसीयत को 90 सालों के लिए सील कर रखने का फैसला किया गया है। इस परंपरा के अनुसार, जब किसी वरिष्ठ शाही का निधन होता है तो उनकी वसीयत को सील कर तिजोरी में रख दिया जाता है।

महारानी एलिजाबेथ द्वितीय से पहले उनके पति प्रिंस फिलिप, उनकी माता एलिजाबेथ और बहन मार्गरेट की वसीयत सील कर तिजोरी में रखी गई है। क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय की मां और बहन का निधन साल 2002 में हुआ था।

सबसे पहले टेक के राजकुमार फ्रांसिस की वसीयत तिजोरी में रखी गई थी। 1910 में 40 साल की उम्र में उनका निधन हो गया था। वह जॉर्ज पंचम की पत्नी और दिवंगत रानी की दादी क्वीन मैरी के छोटे भाई थे। उनकी वसीयत पिछले 30 साल से भी ज्यादा समय से तिजोरी में रखी है।

महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का पिछले हफ्ते स्कॉटलैंड में निधन हो गया था। वह 96 साल की थी महारानी के निधन के बाद उनके बेटे प्रिंस चार्ल्स को ब्रिटेन का महाराज बनाया गया है। प्रतिष्ठित मैग्जीन के अनुसार, महारानी 50 करोड़ डॉलर (करीब 4,000 करोड़ रुपए) की संपत्ति छोड़ गई हैं। यह संपत्ति उन्होंने अपने 70 साल के शासनकाल के दौरान कमाई है। महारानी की संपत्ति के अलावा, ब्रिटेन के इस राजघराने का कुल कारोबार 28 अरब डॉलर का है।

70 साल पहले जब एलिजाबेथ ब्रिटेन की महारानी बनी थीं, उस वक्त 55 देशों पर उनका सीधा कंट्रोल था। ब्रिटेन की शक्ति का पतन एलिजाबेथ के सामने ही शुरू हुआ और उनके निधन तक ब्रिटिश साम्राज्य 14 देशों तक सिमट कर रह गया था। क्वीन 1952 में ब्रिटेन की महारानी बनी थीं। 1920 में ब्रिटेन का 70 देशों और आइलैंड पर शासन था।

11 दिसंबर 1936 को एडवर्ड VIII के पद छोड़ने और जॉर्ज VI के राजा बनने के साथ ही एलिजाबेथ द्वितीय सिर्फ 10 साल की उम्र में राजगद्दी की उत्तराधिकारी बन गई थीं। उन्होंने ब्रिटेन पर सबसे ज्यादा लंबे समय तक राज किया।