कतर ने कहा है कि इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कथित तौर पर दिए एक बयान से उसे ‘हैरानी’ हुई है। दरअसल, इजरायल और हमास के बीच तीन महीने से जारी जंग में कतर की मध्यस्थता को नेतन्याहू ने कथित तौर पर ‘संदिग्ध’ कहा था।
इजरायली टेलीविजन पर एक कार्यक्रम प्रसारित हुआ था। इसके बारे में बताया गया कि हमास के पास मौजूद बंधकों के परिजनों से बात करते हुए नेतन्याहू ने कहा था कि आप मुझे कतर का शुक्रिया अदा करते नहीं सुनेंगे। उन्होंने कथित तौर पर आगे कहा, वो फायदे की स्थिति में हैं क्योंकि वो उन्हें (हमास को) आर्थिक मदद देते हैं।
नेतन्याहू की इस टिप्पणी पर कतर ने प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि अगर ये बयान सच है तो ये गैर जिम्मेदाराना है लेकिन चौंकाने वाला नहीं है। बता दें कि खाड़ी का छोटा सा मुल्क कतर 1990 के दशक से ही इजरायल के साथ संबंध बनाए हुए है। हालांकि उसने आधिकारिक तौर पर अब तक इजरायल के साथ कूटनीतिक संबंध कायम नहीं किया।
कतर लंबे वक्त से फिलिस्तीनियों के अधिकारों का समर्थन करता रहा है। जहां इजरायल, यूके, अमेरिका और दूसरे कई देश फिलिस्तीनी चरमपंथी संगठन हसाम को आतंकवादी गुट मानते हैं, वहीं हमास के नेताओं को उसे अपने यहां जगह दी है। कतर गाजा के लिए लाखों डालर की आर्थिक मदद भी देता रहा है।
2006 में गाजा में हमास के चुनाव जीतने के बाद से इजरायल और मिस्र ने गाजा पर कई तरह की पाबंदियां लगाईं जिसका गंभीर आर्थिक असर वहां के लोगों पर पड़ा। इसके बाद इन पाबंदियों को तब और सख्त कर दिया गया, जब हमास ने गाजा में मौजूद फिलिस्तीनी प्राधिकरण को सुरक्षाबलों ने वहां से जबरन बाहर निकाल कर अपनी ताकत को और मजबूत किया।
