Queen Elizabeth Second Passed Away: ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ के निधन के बाद उनके बेटे प्रिंस चार्ल्स ‘महाराज चार्ल्स तृतीय’ के रूप में ब्रिटेन की राजगद्दी संभालेंगे। हालांकि अभी उनके ताजपोशी की तारीख तय नहीं है। ब्रिटेन के नए राजा बनने के बाद चार्ल्स तृतीय बिना पासपोर्ट के यात्रा कर सकेंगे और वो गाड़ी भी बिना लाइसेंस के चला सकेंगे। इसके अलावा भी उन्हें महाराजा बनने के बाद कई विशेषाधिकार मिलेंगे।

साल में दो बार जन्मदिन मना सकते हैं:

चार्ल्स की मां, क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय के दो जन्मदिन थे। उनका वास्तविक जन्मदिन 21 अप्रैल को था, जो निजी तौर पर आयोजित किया जाता था, और दूसरा जन्मदिन जून में दूसरे मंगलवार को एक आधिकारिक सार्वजनिक उत्सव के रूप में मनाया जाता था। ऐसे में ब्रिटेन के नए महाराजा भी साल में दो बार अपना जन्मदिन मनाने की परंपरा जारी रख सकते हैं। इसके अलावा ब्रिटिश महाराजा वोट नहीं देते और चुनाव में भी खड़ा नहीं हो सकते। वे संसदीय सत्रों के औपचारिक उद्घाटन में शामिल होने के अलावा संसद से कानून को मंजूरी देने और प्रधान मंत्री के साथ साप्ताहिक बैठक करने का काम करते हैं।

राज्याभिषेक में लग सकते हैं महीनों:

बता दें कि एलिजाबेथ के निधन के बाद अब ब्रिटेन के राजा चार्ल्स हैं लेकिन अभी उनके राज्याभिषेक में महीनों लग सकते हैं। इसके लिए प्रिवी काउंसिल के सदस्यों को एक बैठक के लिए बुलाया जाएगा। इस काउंसिल के सदस्य राज्य के मामलों पर महाराजा को सलाह देते हैं। परंपरागत रूप से महाराजा के रूप में राज्याभिषेक के दौरान चार्ल्स एक घोषणा पत्र पढ़ेंगे और चर्च ऑफ स्कॉटलैंड के संरक्षण की शपथ लेंगे।

चार्ल्स के महाराजा बनने के साथ ही ब्रिटेन के राष्ट्रगान, स्टाप में भी बदलाव होगा। दरअसल ब्रिटेन का नेशनल एंथम 1952 से ही एक रहा है। ऐसे में एलिजाबेथ के निधन के बाद अब चार्ल्स के महाराजा बनने पर राष्ट्रगान में भी बदलाव होगा। अभी राष्ट्रगान में ‘गॉड सेव अवर ग्रेसियस क्वीन’ वाक्य है, ऐसे में अब इसकी जगह अब ‘गॉड सेव अवर न्यू ग्रेसियस किंग’ होगा। हालांकि इस बदलाव के साथ लोगों को राष्ट्रगान गाने में थोड़ा समय लग सकता है।

चार्ल्स के महाराजा बनने के बाद प्रार्थना के शब्दों, पोस्ट बॉक्स, रॉयल आर्म की बनावट, रॉयल वॉरंट और स्टांप में बदलाव होंगे। वहीं ब्रिटेन की करेंसी में भी एलिजाबेथ द्वितीय की जगह चार्ल्स की फोटो हो सकती है।