तालिबान द्वारा अफगानिस्तान में अपनी अंतरिम सरकार की घोषणा करने के कुछ दिनों बाद, काबुल में राष्ट्रपति भवन में उसके शीर्ष नेताओं के बीच एक बड़े विवाद की सूचना मिली है। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान में दो प्रतिद्वंद्वी गुटों के समर्थकों के बीच राष्ट्रपति भवन में कहासुनी हो गई। हालांकि तालिबान ने ऐसी खबरों का खंडन किया है।

तालिबान के सह-संस्थापक और उप प्रधानमंत्री मुल्ला अब्दुल गनी बरादर के कई दिनों तक गायब रहने के बाद समूह के भीतर विवाद सामने आया। सूत्रों ने बीबीसी पश्तो को बताया कि बरादर और खलील उर-रहमान हक्कानी के गुटों के बीच लड़ाई के बाद दोनों नेताओं के बीच बहस हुई। यह बताया गया है कि अफगानिस्तान में जीत का श्रेय किसे लेना चाहिए, इस पर बहस छिड़ गयी थी। जहां बरादर का मानना ​​​​है कि यह उनके जैसे लोगों द्वारा कूटनीति के कारण है, वहीं, हक्कानी का मानना ​​​​है कि लड़ाई के जरिए जीत हासिल की गई थी।

बाद में यह कयास लगाया गया कि बरादर की मृत्यु हो गई है, लेकिन तालिबान के सूत्रों ने इस दावे का खंडन किया। बरादर ने सोमवार को एक ऑडियो बयान जारी कर कहा कि वह जीवित हैं। बरादर ने वीडियो में कहा, ‘मीडिया में मेरी मौत के बारे में खबर आई थीं। पिछली कुछ दिनों से, मैं यात्रा पर हूँ। इस समय मैं जहां भी हूं, हम सब ठीक हैं। “

उन्होंने कहा,’मीडिया हमेशा प्रोपगैंडा फैलाता है। इसलिए, उन सभी झूठों को खारिज करें, और मैं आपको 100 प्रतिशत पुष्टि करता हूं कि कोई समस्या नहीं है।” बीबीसी ने बताया कि बरादर के काबुल लौटने की उम्मीद थी और उम्मीद की जा रही है कि वह किसी भी विवाद की बात से इनकार करेगा।

वहीं, अफगानिस्तान में नई तालिबान सरकार में विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी ने कहा है कि सरकार आतंकवादियों को अन्य देशों पर हमला करने के लिए उसके क्षेत्र का इस्तेमाल करने से रोकेगी। मुत्तकी ने कहा है कि सरकार अपने वादों को लेकर प्रतिबद्ध है कि वह आतंकवादियों को अपने क्षेत्र का इस्तेमाल दूसरों पर हमला करने के लिए कतई नही करने देगी।

तालिबान द्वारा एक सप्ताह पहले अफगानिस्तान में अंतरिम सरकार का गठन करने के बाद अपने पहले संवाददाता सम्मेलन में मुत्तकी ने यह समय सीमा नहीं बताई कि सरकार कितने समय तक रहेगी या सरकार में अन्य गुटों, अल्पसंख्यकों या महिलाओं को शामिल किया जायेगा या नहीं।