श्रीलंका में चल रहे राजनीतिक संकट ने रविवार को उस समय हिंसक रूप ले लिया जब रविवार को प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के विश्वस्त और पेट्रोलियम मंत्री अर्जुन रणातुंगा के अंगरक्षकों ने नवनियुक्त प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के समर्थकों पर गोली चला दी। इसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और दो लोग घायल हो गए। इस घटना के बाद श्रीलंका की संसद के स्पीकर कारू जयसूर्या ने विक्रमसिंघे को ही प्रधानमंत्री के तौर पर मान्यता दे दी। श्रीलंका के हालात पर भारत सरकार लगातार नजर बनाए हुए है। विदेश मंत्रालय ने रविवार को उम्मीद जताई कि वहां हालात जल्द सामान्य होंगे और लोकतांत्रिक मूल्यों व संवैधानिक प्रक्रिया का सम्मान किया जाएगा।
श्रीलंकाई पुलिस ने पुलिस ने बताया कि गोलीबारी में गंभीर रूप से घायल एक व्यक्ति ने दम तोड़ दिया और दो लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस सिलसिले में सीलोन पेट्रोलियम कारपोरेशन (सीपीसी) परिसर से एक सुरक्षाकर्मी को गिरफ्तार किया गया है। यह हादसा उस वक्त हुआ जब क्रिकेटर से राजनेता बने रणतुंगा ने सीपीसी का दौरा किया। इस दौरान कुछ कर्मचारियों ने आफिस में उनकी उपस्थिति का विरोध किया। रणतुंगा के इमारत में होते ही नए प्रधानमंत्री राजपक्षे के समर्थकों ने उनका विरोध किया और नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने रणतुंगा को बाहर भी नहीं जाने दिया। इसके बाद रणतुंगा के सुरक्षाकर्मी ने गोलियां चलाई जिसमें तीन लोग घायल हो गए हैं। अपुष्ट खबरों में कहा गया है कि रणतुंगा के दो सुरक्षाकर्मियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने वहां के हालात को लेकर कहा, ‘श्रीलंका के हालिया राजनीतिक घटनाक्रम पर भारत की नजर बनी हुई है। एक लोकतांत्रिक देश और करीबी पड़ोसी के तौर पर हम उससे लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक प्रक्रिया का सम्मान करने की उम्मीद करते हैं। भारत दोस्ताना व्यवहार वाले श्रीलंका के लोगों को विकास कार्यों के लिए मदद देना जारी रखेगा।’
उधर, श्रीलंका की संसद के स्पीकर कारू जयसूर्या ने सांसत में फंसे रानिल विक्रमसिंघे को राहत दी और यह कहते हुए उन्हें देश के प्रधानमंत्री के तौर पर मान्यता दे दी कि उन्होंने लोकतंत्र व सुशासन कायम करने के लिए जनादेश हासिल किया है। जयसूर्या ने सिरीसेना को लिखे एक पत्र में 16 नवंबर तक सदन को निलंबित करने के उनके फैसले पर सवाल खड़ा किया। उन्होंने कहा कि देश के लिए इसके गंभीर व अवांछनीय परिणाम होंगे। उधर, सिरीसेना ने रविवार को कहा कि ‘उद्दंड’ बर्ताव के चलते विक्रमसिंघे को बर्खास्त किया गया और राजपक्षे को संविधान के अनुरूप नया प्रधानमंत्री बनाया गया है। शुक्रवार रात को विक्रमसिंघे की नाटकीय बर्खास्तगी के बाद राष्ट्र के नाम अपने पहले संबोधन में सिरीसेना ने कहा कि विक्रमसिंघे का राजनीतिक आचार-व्यवहार अवांछनीय था। उन्होंने सुशासन की अवधारणा को पूरी तरह तहस-नहस कर दिया जबकि भ्रष्टाचार और बरबादी हर तरफ आम हो गई।
सिरीसेना ने सेंट्रल बैंक बांड घोटाले को लेकर विक्रमसिंघे पर तीखा हमला करते हुए कहा कि इससे देश अभूतपूर्व आर्थिक संकट में फंस गया। इस घोटाले में विक्रमसिंघे के मित्र अर्जुन महेंद्रन पर आरोप लगे हैं। सिरीसेना ने कहा कि विक्रमसिंघे ने मेरी हत्या की कथित साजिश को भी बहुत हल्के में लिया। मुझे सूचना मिली के जांच कर रहे वरिष्ट पुलिस अधिकारी जान-बूझ कर अटार्नी जनरल के विभाग के अधिकारियों से मुलाकात से बच रहे थे।

