भारत ने मंगोलिया को उसके बुनियादी ढांचा विकास में सहयोग के लिए रविवार को एक अरब डालर की कर्ज सुविधा की घोषणा की। वहीं, दोनों देशों के बीच अपने संबंधों को ‘रणनीतिक साझेदारी’ के स्तर ले जाने और असैन्य परमाणु क्षेत्रों में संभावना तलाशने के अलावा रक्षा सहयोग मजबूत करने पर भी सहमति बनी।
मंगोलिया की दो दिन की यात्रा पर यहां पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेजबान प्रधानमंत्री चिमेद सायखानबिलेग के साथ व्यापक विषयों पर चर्चा की और दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को एक नए स्तर पर ले जाने का संकल्प किया। मोदी मंगोलिया की यात्रा पर आने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं। यहां राजमहल में मंगोलिया के प्रधानमंत्री के साथ साझा पत्रकार सम्मेलन में मोदी ने कहा-मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि भारत मंगोलिया को आर्थिक क्षमता और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए एक अरब डालर का कर्ज मुहैया कराएगा।
आज मंगोलिया भी भारत की ‘ऐक्ट ईस्ट पॉलिसी’ (पूरब के साथ काम करो) का अभिन्न हिस्सा है। दोनों देशों की नियति एशिया प्रशांत के भविष्य के साथ काफी निकटता से जुड़ी हुई है। हम इस क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि को आगे बढ़ाने के लिए मिलकर काम कर सकते हैं।
अपनी वार्ता के बाद, दोनों प्रधानमंत्रियों ने एक साझा बयान पर हस्ताक्षर कर द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने और व्यापक साझेदारी को ‘रणनीतिक साझेदारी’ तक ले जाने का वादा किया और अपने दोस्ताना संबंधों और सहयोग की संधि का नवीकरण करने पर राजी हुए। दोनों देशों के बीच संयुक्त बयान के अलावा 13 समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए जिनमें सीमा की निगरानी, पुलिस व चौकसी और वायु सेवा के साथ साइबर सुरक्षा व नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाना शामिल है।
बाद में अपने सम्मान में आयोजित भोज में मोदी ने कहा-हमारे संबंधों को कारोबार के आधार पर नहीं मापा जा सकता या यह अन्य के खिलाफ प्रतिस्पर्धा से संचालित नहीं है। यह अथाह सकारात्मक ऊर्जा का संबंध है जो हमारे आध्यात्मिक संपर्क और साझा आदर्शों से पैदा होती है।
मोदी ने कहा कि और इस तरह, हम मंगोलिया में लोकतंत्र के 25 साल और अपने 60 साल के कूटनीतिक संबंधों का जश्न मना रहे हैं। हम जानते हैं कि आने वाले दिनों में हमारे संबंध और भी बेहतर होंगे। मोदी ने मंगोलिया के राष्ट्रपति साखियागिन एल्बेग्रदोज से भी मुलाकात की और द्विपक्षीय व पारस्परिक हितों के मुद्दों पर चर्चा की। साझा बयान में कहा गया है कि भारत और मंगोलिया सामूहिक प्रयासों के आधार पर एशिया प्रशांत क्षेत्र में मुक्त व संतुलित और समावेशी सुरक्षा ढांचे का समर्थन करते हैं। इसे क्षेत्र के सभी देशों के वैध हितों, नियमों और अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों का सम्मान करते हुए हासिल किया जाएगा।
उन्होंने समझौतों पर हस्ताक्षर करने के बाद कहा-मैं प्रधानमंत्री के साथ अपनी बातचीत से काफी खुश हूं। हमारे बीच द्विपक्षीय संबंधों और हमारे क्षेत्रीय व अंतरराष्ट्रीय संबंधों को लेकर काफी मजबूत एक जैसे विचार हैं। हमने अभी अभी जिन समझौतों पर हस्ताक्षर किए वे हमारे संबंधों की गहराई को बयां कर रहे हैं। इनमें आर्थिक संबंध, विकास से जुड़े गठजोड़, रक्षा व सुरक्षा और लोगों के बीच संबंध शामिल हैं।