जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान में बसे भारतीय समुदाय से मुलाकात की। कोबे शहर में आयोजित समारोह में पीएम मोदी ने देशवासियों को संबोधित किया। इस दौरान पीएम के पहुंचने पर लोग मोदी-मोदी, वंदे मातरम और जय श्रीराम का उद्घोष करने लगे। पीएम ने कहा कि सात महीने पहले जब वो जापान आए थे तब यहां चुनाव होने थे और अब जब आए हैं तो वहां (भारत) में चुनाव हुए हैं। उन्होंने बताया कि तीन दशक बाद भारत के लोगों ने किसी दल को स्पष्ट बहुमत दिया है। इस दौरान भारतीयों से संवाद करते हुए पीएम ने पूछा कि आप बता सकते हैं कि भारत के लोकतांत्रिक चुनावों में किसकी जीत हुई है? तभी भीड़ से कुछ लोगों ने इसका उत्तर दिया।

प्रधानमंत्री मोदी दूर देश में बसे भारतीयों का जवाब सुनकर भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि यह जीत लोकतांत्रिक मूल्यों की है। सच्चाई की जीत है और देशवासियों की जीत है। यह जवाब सुनकर मेरा दिल आह्लादित हो उठा। पीएम ने कहा कि देश के साठ करोड़ मतदाताओं ने 40 से 45 डिग्री सेल्सियस तापमान में घरों से बाहर निकलकर सरकार का चुनाव किया है। उन्होंने कहा कि यह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का महापर्व था जिसे देश के लोगों ने खुशी-खुशी मनाया और उसकी धड़कन दूर देशों में बैठे भारतीय समुदायों ने भी महसूस की। पीएम मोदी ने कहा आपलोग जो देश से दूर बैठकर हिन्दुस्तान को देख रहे हैं तो आप में सत्य पकड़ने की बड़ी ताकत है।

पीएम ने कहा कि चीन को छोड़ दें तो किसी भी देश की जनसंख्या से बड़ी संख्या भारतीय मतदाताओं की है। पीएम ने बताया कि चुनाव में 600 से ज्यादा राजनीतिक दलों ने भाग लिया। इसके अलावा 8000 प्रत्याशी चुनावी मैदान में थे। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी अगर कोई इस रिकॉर्ड को तोड़ेगा तो वो हक भी भारत को ही जाएगा। पीएम ने कहा कि एक तरह से इसका कॉपीराइट भारत के पास है। पीएम ने कहा भारतीय लोकतंत्र पूरे विश्व को प्रेरित करने वाला है। उन्होंने कहा कि भारत की यही शक्ति 21वीं सदी को नई उम्मीद देने वाली है। पीएम ने कहा इस चुनाव के नतीजे पूरे दुनिया को प्रभावित करने वाले हैं।

पीएम ने कहा, ‘New India की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए मिला ये आदेश पूरे विश्व के साथ हमारे संबंधों को भी नई ऊर्जा देगा। सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के जिस मंत्र पर हम चल रहे हैं, वो भारत पर दुनिया के विश्वास को भी मजबूत करेगा।’ उन्होंने कहा, ‘जब दुनिया के साथ भारत के रिश्तों की बात आती है तो जापान का उसमें एक अहम स्थान है। ये रिश्ते आज के नहीं हैं, बल्कि सदियों के हैं। इनके मूल में आत्मीयता है, सद्भावना है, एक दूसरे की संस्कृति और सभ्यता के लिए सम्मान है।’