चीन के लगातार परेशान करने से नाराज फिलीपींस ने तय किया है कि वह चुप नहीं बैठेगा और उसको मुंहतोड़ जवाब देगा। इसके लिए वह भारत से मिली सुपरसोनिक एंटी-शिप क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस (Supersonic Anti-Ship Cruise Missiles BrahMos) का मुंह चीन की तरफ करके इसे तैनात करेगा। यह मिसाइल फिलीपींस ने इसी साल अप्रैल में भारत से लिया था। फिलीपींस ने घोषणा की है कि वह भारत से इस तरह के और भी मिसाइलें खरीदेगा। मीडिया खबरों के मुताबिक अभी फिलीपींस के पास जो ब्रह्मोस मिसाइल सिस्टम है उसमें तीन बैटरी हैं। इसकी हर बैटरी में चार लॉन्चर हैं। हर लॉन्चर में तीन मिसाइलें हैं। इनकी रेंज 290 किमी है।
भारत ने पिछले 19 अप्रैल को ये मिसाइलें सौंपी थी
भारत ने 19 अप्रैल 2024 को फिलीपींस को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलें सौंपी थी। इस पर 2022 में हस्ताक्षर किए गये। यह सौदा 375 मिलियन डॉलर में हुआ था। इसकी डिलीवरी का ऐलान पीएम नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश के दमोह में एक चुनावी रैली में किया था। भारतीय वायुसेना के C-17 ग्लोबमास्टर परिवहन विमान और एक चार्टर्ड विमान ने फिलीपींस मरीन कॉर्प्स को मिसाइल प्रणाली सौंपी। सूत्रों ने कहा कि दक्षिण चीन सागर में चीन के साथ तनाव के बीच फिलीपींस द्वारा अपने तटीय क्षेत्र में हथियार प्रणाली की तीन बैटरियां तैनात की जाएंगी।
फिलीपींस का कहना है कि वह भारत से ऐसे और ब्रह्मोस मिसाइलें खरीदकर अपनी सेना को मजबूत बनाएगा और रक्षा चुनौतियों को निपटने के हरसंभव तरीके अपनाएगा।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन के हमलों का जवाब देने के लिए फिलीपींस ने दक्षिण चीन सागर की ओर से दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का पहला बेस बना दिया है। यहां से फिलीपींस जब चाहे तब चीन के युद्धपोतों, ड्रोंस, विमानों आदि को निशाना बना सकता है। यह बेस फिलीपींस के पश्चिमी लुजॉन में है।
रक्षा सूत्रों के मुताबिक मिसाइल भंडारण सुविधा के कुछ सामानों की डिलीवरी मार्च महीने में ही शुरू हो गई थी, लेकिन मिसाइलों की वास्तविक डिलीवरी अप्रैल में हुई।
एंटी-शिप क्रूज मिसाइल के तट-आधारित संस्करण (Shore-based Variant) के लिए यह सौदा भारत का पहला बड़ा निर्यात ऑर्डर था। इस मिसाइल की रेंज करीब 290 किलोमीटर है। ब्रह्मोस एयरोस्पेस रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और रूस के एनपीओ मशीनोस्ट्रोयेनिया (NPO Mashinostroyeniya) के बीच एक संयुक्त उद्यम (Joint Venture) है। भारतीय सशस्त्र बलों के तीनों विंग में सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का संचालन किया जा रहा है।