दक्षिण चीन सागर में बढ़ते तनाव के बीच फिलीपींस ने भारत से ‘स्क्वाड’ रक्षा गठबंधन में शामिल होने की अपील की है। यह समूह अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जापान और फिलीपींस के बीच एक अनौपचारिक सैन्य गठबंधन है, जिसका उद्देश्य चीन की आक्रामकता का सामना करना है।

फिलीपींस के सशस्त्र बलों के प्रमुख जनरल रोमियो एस. ब्राउनर ने नई दिल्ली में आयोजित रायसीना डायलॉग (Raisina Dialogue) के दौरान यह प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा, “हम जापान और अपने सहयोगियों के साथ स्क्वाड का विस्तार करना चाहते हैं, जिसमें भारत और दक्षिण कोरिया को भी शामिल किया जा सकता है।”

चीन की बढ़ती ताकत और सैन्य विस्तार

चीन ने दक्षिण चीन सागर में कृत्रिम द्वीप बनाकर अपनी पकड़ मजबूत कर ली है। मिषचीफ रीफ पर चीन ने 2.7 किमी लंबा रनवे तैयार किया है, जहां एयर डिफेंस और मिसाइल सिस्टम तैनात हैं। यह क्षेत्र रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि यहां से हर साल 3 ट्रिलियन डॉलर का व्यापार गुजरता है। मिषचीफ रीफ (Mischief Reef) दक्षिण चीन सागर में स्थित एक विवादित प्रवाल द्वीप (coral reef) है, जो स्प्रैटली द्वीप समूह (Spratly Islands) का हिस्सा है। यह क्षेत्र चीन, फिलीपींस, वियतनाम और अन्य देशों के बीच क्षेत्रीय विवाद (territorial dispute) का केंद्र बना हुआ है।

चीन पूरे दक्षिण चीन सागर को अपना क्षेत्र बताता है, जिससे उसका विवाद फिलीपींस, वियतनाम, मलेशिया और इंडोनेशिया जैसे देशों से चल रहा है। 2016 में अंतरराष्ट्रीय अदालत ने चीन के दावे को खारिज कर दिया था, लेकिन चीन इसे मानने को तैयार नहीं है।

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भारत पहले ही इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अपनी समुद्री उपस्थिति बढ़ा रहा है। पिछले साल फिलीपींस को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों की आपूर्ति भारत-फिलीपींस सैन्य सहयोग का एक बड़ा कदम था। भारतीय नौसेना हिंद महासागर में चीन की गतिविधियों पर करीबी नजर रख रही है।

भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी ने कहा, “भारत की जिम्मेदारी है कि हिंद महासागर क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनी रहे। हम समुद्री सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए तैनाती बढ़ा रहे हैं।”

फिलीपींस के इस अनुरोध के बाद अब यह देखना दिलचस्प होगा कि भारत इस गठबंधन का हिस्सा बनता है या अपनी स्वतंत्र समुद्री रणनीति जारी रखता है। अमेरिकी इंडो-पैसिफिक कमांड के प्रमुख एडमिरल सैमुअल पापारो ने कहा कि क्षेत्रीय विवादों का समाधान बल प्रयोग से नहीं, बल्कि कूटनीति और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत किया जाना चाहिए।

भारत फिलहाल क्वाड (Quad) और अन्य रक्षा साझेदारियों के माध्यम से इंडो-पैसिफिक में अपनी उपस्थिति बढ़ा रहा है। ‘स्क्वाड’ में शामिल होने का निर्णय भारत की समुद्री नीति और चीन के प्रति उसके रुख को नया मोड़ दे सकता है।