पाकिस्तान के पूर्व तानाशाह जनरल परवेज मुशर्रफ ने भारत-पाकिस्तान संबंधों को लेकर कुछ खुलासे किए हैं। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार साल 2001 में भारतीय संसद पर हमले के दौरान दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव पर मुशर्रफ भारत पर परमाणु हमला करने की योजना बना रहे थे। ये तनाव साल 2002 तक अपनी चरम सीमा पर पहुंच चुका था। तब भारत पर पाकिस्तान परमाणु हमला कर सकता था, इसकी काफी संभावनाएं थीं। हालांकि भारत के जवाबी हमले के डर से मुशर्रफ ने अपना फैसला टाल दिया। उस दौरान मुशर्रफ ने कई रातें बिना सोए बिताई थीं। जापानी डेली ‘मेनिची शिमबुन’ के अनुसार मुशर्रफ ने ये बात तब कही जब उनसे पूछा गया कि क्या तब वो परमाणु हथियारों की तैनाती कर सकते थे या नहीं। बता दें कि पूर्व जनरल ने इंटरव्यू में भारतीय संसद पर हुए हमले का भी ज्रिक किया। इस दौरान उन्होंने कहा, ‘मैं खुद से ये सवाल पूछता रहता था कि मुझे परमाणु हथियार तैनात करने चाहिए या नहीं।’ परवेज ने खुलासा किया कि परमाणु हथियार इस्तेमाल करने के बारे में उन्होंने काफी सोचा लेकिन भारत के जवाबी हमले के डर से इरादा बदल दिया। उस दौर में भी मुशर्रफ ने कभी इस बात से इनकार नहीं किया था कि वो भारत के खिलाफ परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकते हैं। मुशर्रफ के अनुसार एटमी हमला करने के लिए एक से दो दिन लग सकते थे। जब उनसे ये पूछा गया कि क्या उन्होंने मिसाइलों पर वॉरहेड्स लगाने का ऑर्डर दिया था? पूर्व तानाशाह ने कहा- हमने ऐसा नहीं किया और मुझे लगता है कि भारत ने भी न्युक्लियर वॉरहेड्स मिसाइलों पर नहीं लगाए होंगे। खुदा का शुक्र है।

जानकारी के लिए बता दें कि पूर्व में आर्मी चीफ रहे मुशर्रफ ने तत्कालीन नवाज शरीफ सरकार को बर्खास्त कर पाकिस्तान की सर्वोच्य सत्ता पर कब्जा किया था। और अक्टूबर 1999 में खुद को पाकिस्तान का आर्मी चीफ घोषित कर दिया। इस दौरान साल 2001 से 2008 तक मुशर्रफ देश के राष्ट्रपति पद पर भी रहे। गौरतलब है कि वर्तमान मैं मुशर्रफ पिछले करीब एक साल से दुबई में रह रहे हैं। उन्हें मेडिकल वीजा के आधार पर मुल्क से बाहर जाने की अनुमति दी गई थी। मुशर्रफ पर साल 2007 में पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या में शामिल होने का भी आरोप है।