भारत से संबंध रखने वाली प्रियंका योशीकावा को सोमवार को मिस जापान चुना गया है। प्रियंका के पिता भारतीय हैं तो वहीं उनकी मां जापानी हैं। उनके ताज पहनने ही नस्ली समानता की एक नई बहस छिड़ गई है। प्रियंका से एक साल पहले ही अरियाना मियामोतो जापान का प्रतिनिधित्व करने वाली पहली अश्वेत महिला बनी थी। तब उन्हें काफी आलोचनाओं का सामना करन पड़ा था। इस घटना के साल भर बाद ही प्रियंका योशीकावा को यह ताजा पहनाया गया है। इस घटना के बाद से जापान में सोशल मीडिया पर यह ट्रेंड करने लगा कि मिस यूनीवर्स जापान पूरी तरह से जापानी होना चाहिए न कि ‘आधा’। यहां पर आधा शब्द का इस्तेमाल मिश्रित नस्ल को लेकर किया गया है।
प्रियंका योशीकावा ने एएफपी को दिए एक साक्षात्कार में कहा, ‘अरियाना से पहले मिश्रित नस्ल की लड़कियां जापान का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकती थी।’ उनका जन्म जापान की राजधानी टोक्यो में हुआ है। उनके पिता भारतीय हैं जबकि मां जापानी हैं। उन्होंने जापान में नस्ली पूर्वाग्रह के खिलाफ लड़ाई जारी रखने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा, ‘हम जापानी हैं। हां, मैं आधी भारतीय हूं और लोग मुझसे मेरी नस्ली शुद्धता के बारे में पूछते हैं..हां, मेरे पिता भारतीय हैं और मुझे इस पर गर्व है, मुझे गर्व है कि मेरे अंदर भारतीयता है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मैं जापानी नहीं हूं।’ 22 साल की योशीकावा धाराप्रवाह जापानी और अंग्रेजी बोलती हैं। उन्होंने हाथियों के प्रशिक्षण का लाइसेंस भी मिला हुआ। माना जा रहा है कि किसी बॉलीवुड अदाकारा की तरह दिखने को लेकर उन्हें इस खिताब को जीतने में मदद मिली है। अब दिसंबर में वाशिंगटन में होने वाले मिस वर्ल्ड खिताब में वो जापान का प्रतिनिधित्व करेंगी।
WOW!~! Congrats to Priyanka Yoshikawa! This is the second year in a row that a haafu has been crowned Miss Japan! Happy for them 🙂
— hatchet clown (@HatchetClown) September 5, 2016

