वर्ष 2015 में पेरिस को दहला देने वाले आतंकवादी हमलों की जांच में देश की खुफिया सेवाओं की ‘वैश्विक विफलताओं’ के मद्देनजर विभिन्न खुफिया एजेंसियों के विलय की अनुशंसा की गई है। पेरिस में 2015 में हुए दो आतंकवादी हमलों में सुरक्षा संबंधी संभावित चूक की जांच के लिए फरवरी में संसदीय जांच बैठाई गई थी। इन हमलों में 147 लोगों की मौत हुई थी। सोशलिस्ट सांसद सेबेस्टियन पियेट्रासांता ने कहा, ‘दो बड़ी खुफिया एजेंसियों के प्रमुखों ने यह स्वीकार किया है कि 2015 हमलों में ‘वैश्विक खुफिया विफलता’ हुई थी।’
जांच आयोग के अध्यक्ष जॉर्ज फेनेच ने कहा कि विभिन्न खुफिया सेवाओं के बीच अवरोधों के कारण शार्ली हेब्दो पर हमला करने वाले काउची नाम के हमलावर की निगरानी नहीं हो सकी थी। उनके बारे में जानकारी तब जाकर लगी जब 7 जनवरी को पेरिस में इस पत्रिका के दफ्तर पर उसने तथा उसके भाई शेरिफ ने हमला किया। इस हमले में 12 लोगों की मौत हो गई थी।
जांच में कहा गया कि हमलावर काउची भाईयों का एक और साथी ऐमेडी काउलीबेली, जिसने दो दिन बाद यहूदी सुपरमार्केट में दुकानदारों को बंधक बना लिया था और एक महिला पुलिसकर्मी समेत चार लोगों की हत्या कर दी थी, वह भी जेल के भीतर खुफिया विफलता का उदाहरण है। फेनेच ने केवल एक ‘राष्ट्रीय आतंक निरोधी एजेंसी’ स्थापित करने का सुझाव दिया है।