फलीस्तीन ने आतंकी हाफिज सईद के साथ मंच साझा करने वाले राजदूत वालिद अबु अली को फिर से पाकिस्तान में ही बहाल कर दिया है। पाकिस्तान मीडिया के हवाले से समाचार एजेंसी एएनआई ने कहा है कि पाकिस्तान ने वालिद अबु अली को फिर से इस्लामाबाद में बहाल करने को हरी झंडी दे दी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक फलीस्तीन ने येरूशलम पर अमेरिकी फैसले का विरोध करने के लिए यह कदम उठाया है। हालांकि फलीस्तीन के विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तानी मीडिया के इस दावे से इंकार किया है। फलीस्तीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम इस रिपोर्ट की सत्यता से इनकार करते हैं। पाकिस्तान में हमारे राजदूत फलीस्तीन में हैं, और इस मामले में हमारी स्थिति को हमारे आधिकारिक बयान द्वारा दर्शाय गया था। पाकिस्तानी न्यूज चैनल जिओ टीवी ने भी इस खबर की पुष्टि की है। जिओ टीवी ने पाकिस्तान उलेमा काउंसिल के हवाले बताया है कि वालिद अबु अली बुधवार को अपना काम संभालने के लिए फिर से पाकिस्तान आ रहे हैं।
Palestine has reinstated its ambassador to Pakistan after he was recalled for attending a rally organised by the Difa-e-Pakistan Council (DPC) to protest the US decision on Jerusalem: Pakistan media
— ANI (@ANI) January 7, 2018
We deny this information. Our ambassador in Pakistan is in Palestine and our position was declared by our official statement which we have published last week: Palestinian Foreign Ministry on Pakistan media’s reports that Palestine reinstated its ambassador to Pakistan
— ANI (@ANI) January 7, 2018
बता दें कि इस्लामाबाद में फलीस्तीन के राजदूत वालिद अबु अली ने 29 दिसंबर को पाकिस्तान के कट्टरपंथी धार्मिक संगठन दिफा-ए-पाकिस्तान की ओर से आयोजित एक रैली में शिरकत की थी। इस रैली में भारत के मोस्ट वांटेड आतंकी हाफिज सईद के साथ फिलस्तीनी राजनयिक ने मंच साझा की थी। भारत ने इस पर फलीस्तीन से कड़ी आपत्ति जताई थी।
‘Palestinian’ Ambassador to Pakistan Waleed Abu Ali shares stage with Hafiz Saeed, the mastermind of 2008 Mumbai terror attack that killed 164 innocent people.
Now let that sink in: Our government betrayed #Israel at the UN for these people. pic.twitter.com/amKjlBNg1y
— Vijeta Uniyal (@iUniyal) December 29, 2017
बता दें कि रावलपिंडी में हुई रैली में इस रैली में भारत और अमेरिका के खिलाफ जमकर जहर उगला गया था। राजनयिक वालिद अबु अली ने भी इस रैली में अमेरिका को खरी-खोटी सुनाई थी। भारत के विरोध के बाद फलीस्तीन ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकी घोषित हाफिज सईद के साथ मंच साझा करने के लिए अपने राजदूत को पाकिस्तान से वापस बुला लिया था, और भारत के साथ सालों पुराने अपने संबंधों की दुहाई दी थी। तब फलीस्तीन ने कहा था कि वह आतंक के खिलाफ जंग में भारत के साथ है। मगर मात्र एक सप्ताह के अंदर ही फलीस्तीन सरकार के इस फैसले से राजनयिक हलकों में हैरानी है। बता दें कि भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अमेरिका और इजरायल के खिलाफ वोट किया था। यह प्रस्ताव अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के यरुशलम को इस्राइल की राजधानी के तौर पर मान्यता देने के हाल के फैसले के विरुद्ध पेश किया गया था. नौ देशों ने प्रस्ताव के विरोध में मत दिया जबकि 35 देश मतदान से दूर रहे। भारत की यह कोशिश फलीस्तीन के साथ भारत की एकजुटता के तौर पर देखी जा रही थी। भारत के इस कदम के तुरंत बाद फलीस्तीन के राजदूत ने भारत के नंबर वन दुश्मन हाफिज सईद के साथ मंच साझा कर हिन्दुस्तान के जख्मों को कुरेद दिया था।