नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफज़ई ने संयुक्त राष्ट्र, अंतरराष्ट्रीय समुदाय, भारत और पाकिस्तान से आपसी सहयोग से कश्मीर के हालात सुधारने की अपील की है। कश्मीर में जुलाई के दूसरे हफ्ते से ही हालात चिंताजनक हैं। मलाला ने कहा, “दुनिया के सभी लोगों की तरह कश्मीरियों के भी बुनियादी मानवाधिकार हैं….उन्हें दमन के भय के बिना जीने की आजादी होनी चाहिए ” पाकिस्तानी अखबार डॉन के अनुसार मलाला ने कहा, “मैं संयुक्त राष्ट्र, अंतरराष्ट्रीय समुदाय, भारत और पाकिस्तान से जल्द से जल्द जो गलत हुआ है उसे सही करें, कश्मीर के लोगों को गरिमा, सम्मान और स्वतंत्रता दिलाएं जो कि उनका हक है।”
आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिद्दीन के कमांडर बुरहान वानी के 8 जुलाई को एक मुठभेड़ में मारे जाने के बाद कश्मीर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए जिसके बाद घाटी के कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया। विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा में दो पुलिसवालों समेत 70 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं। मलाला ने कहा, “मैं कश्मीर की अवाम के साथ खड़ी हूं। म1.4 करोड़ कश्मीरी भाई-बहन हमेशा मेरे दिल के करीब रहे हैं।”
केंद्र सरकार ने हाल में कश्मीर में सभी पक्षों से बात करने के लिए गृह मंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व में एक सर्वदलीय प्रतिनिधि मंडल भेजा था। घाटी के अलगाववादी नेताओं ने सर्वदलीय प्रतिनिधि मंडल से मिलने से इनकार कर दिया था। जब कुछ भारतीय नेता निजी तौर पर अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी से मिलने उनके घर पहुंचे तो उन्होंने घर का दरवाजा तक नहीं खोला। राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि कश्मीर एक राष्ट्रीय विषय है, ये राजनीतिक मामला नहीं है।
मलाला के बयान की सोशल मीडिया पर कुछ लोगों सवाल खड़ा किया है। बलूचिस्तान नेशनल फ्रंट की करीमा बलोच ने ट्वीट किया, “प्रिय मलाला, क्या आप पाकिस्तान के कब्जे वाले बलूचिस्तान मे अमानवीयता और निर्दयता के बारे में बात कर सकती हैं?”
Dear Malala, Can you please talk about the inhumanity and heartbreak in Pakistan-occupied #Balochistan? pic.twitter.com/nEoKAQfUuR
— Karima Baloch (@KarimaBaloch) September 6, 2016
उषा मोहन दास नामक ट्विटर यूज़र ने लिखा, “मलाला, आपसे अनुरोध है कि आप शांत और सुखी रहें और वहीं कहें जो आपकी वाणी को शोभा देता हो।”
#RequestToMalala @Malala Request you to please stay peaceful and stay happy and not say things that don't fit into ur vocab pls.
— Ushy Mohan Das (@UshyMohanDas) September 7, 2016
ट्विटर पर नरेंद्र के वर्मा ने लिखा है, “पाकिस्तानियों को मलाला के अपने झूठे प्रचार के लिए इस्तेमाल करने की छूट देकर यूएन काउंसिल पहले ही अपना मज़ाक उड़वा चुका है।”
UN Council made mockery of itself when it allowed misuse of Malala by Pakis to give vent to their false propaganda/2 pic.twitter.com/hV2dLpBpJ9
— Narendra K Varma (modi ka parivaar) (@narendravarma49) September 7, 2016

