पाकिस्तानी अमरीकियों ने एक व्हाइट हाउस में याचिका दायर कर अमेरिका से भारत को आतंकी राष्ट्र घोषित करने को कहा है। याचिका में दावा किया गया है कि ‘भारत बलूचिस्तान, संघ शासित आदिवासी इलाकों और कराची में आतंकी गतिविधियों में शामिल है।’ याचिका में यह भी कहा गया है कि रिसर्च एंड एनालिसिस विंग के एजेंट कुलभूषण यादव की मौजूदगी आरोप की पुष्टि करती है। याचिका के मुताबिक यादव ने बलूचिस्तान में आतंकवादियों की मदद और तहरीक-ए-तालिबान व अल-कायदा जैसी संस्थाओं को पैसा पहुंचाने की बात कबूली है। पाकिस्तान टुडे की खबर के अनुसार, अभी तक याचिका पर 94,060 हस्ताक्षर हुए हैं, 27 अक्टूबर तक 5,940 हस्ताक्षर और चाहिए ताकि व्हाइट हाउस याचिका मंजूर कर ले। ओबामा प्रशासन से किसी तरह के जवाब के लिए कम से कम 1,00,000 हस्ताक्षर चाहिए होंगे। उरी आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना की ओर से पीओके में आतंकी ठिकानों पर किए गए लक्षित हमलों के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है।
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इससे पहले, व्हाइट हाउस ने उस याचिका पर हस्ताक्षर स्वीकार करना बंद कर दिया था, जिसमें ‘पाकिस्तान को ‘आतंकवाद प्रायोजक देश’ घोषित करने की मांग की गई थी। इस याचिका पर कुछ दिनों के भीतर रिकॉर्ड पांच लाख हस्ताक्षर आ गए थे जो ओबामा प्रशासन से जवाब हासिल करने के लिए हस्ताक्षरों की जरूरी संख्या से पांच गुना अधिक है। व्हाइट हाउस ने कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ दायर याचिका को संग्रहित कर दिया गया है क्योंकि इसने हस्ताक्षर संबंधी जरूरतों’ को पूरा नहीं किया। याचिका पन्ने पर इसके बारे में ‘क्लोज्ड पीटिशन’ लिखा है। इस याचिका पर रोक लगाने को लेकर व्हाइट हाउस ने कोई ब्यौरा नहीं दिया। आमतौर पर इस तरह की याचिका पर हस्ताक्षर करने का विकल्प एक महीने तक उपलब्ध रहता है। हालांकि ऐसा लगता है कि कुछ हस्ताक्षरों ने भागीदारी की शर्तों को पूरा नहीं किया होगा, जिसके बाद इस पर रोक लगाई गई।
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पाकिस्तान के खिलाफ यह याचिका एक व्यक्ति ने 21 सितम्बर को तैयार की थी। उसने अपनी पहचान आरजी बताई थी। याचिका पर व्हाइट हाउस के जवाब के लिए 30 दिनों में एक लाख हस्ताक्षर की जरूरत थी, लेकिन यह आंकड़ा एक सप्ताह के भीतर ही पूरा हो गया।