एक पाकिस्तानी विश्वविद्यालय ने परिसर में लड़के और लड़कियों को जोड़े में बैठने को ‘इस्लामी’ परंपराओं के विरुद्ध करार देते हुए ऐसा करने पर रोक लगा दी है। सरगोधा विश्वविद्यालय लाहौर परिसर ने (16 मई) को एक परिपत्र जारी कर कक्षा, भोजनालय और परिसर में कहीं भी छात्रों एवं छात्राओं के जोड़े में बैठने पर रोक लगा दी। परिपत्र कहता है, ‘हमारी सांस्कृतिक एवं धार्मिक बाध्यताओं और अभिभावकों की शिकायतों के मद्देनजर विश्वविद्यालय परिसर में छात्रों एवं छात्राओं के बीच अनपयुक्त संवाद पर कड़ाई से रोक लगायी जाती है।’
विश्वविद्यालय के निदेशक मियां जावेद ने कहा, ‘हमने अभिभावकों की शिकायत पर छात्रों एवं छात्राओं के युगल में बैठने पर रोक लगा दी है। अभिभावकों ने विशेषकर कक्षा में लड़के और लड़कियों के साथ बैठने पर एतराज किया था।’ उन्होंने कहा, ‘अभिभावकों और कुछ विद्यार्थियों की शिकायतों पर विचार करते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन और उसके बोर्ड ने लड़के और लड़कियों के जोड़े में बैठने पर रोक लगाने का फैसला किया।’
उन्होंने कहा कि लड़के और लड़कियां अकादमिक चर्चा के लिए समूह में (तीन या चार के समूह में) एकसाथ बैठ सकते हैं।
जावेद ने कहा कि पाकिस्तान एक इस्लामिक देश है और ‘‘हमें (लड़के और लड़कियों के साथ बैठने की) इस संस्कृति को निरुत्साहित करना है।’ सरगोधा विश्वविद्यालय पहला सार्वजनिक संस्था है जिसने हाल के समय में इस तरह की पाबंदी लगाई है।