अमेरिका के एक शीर्ष पूर्व राजनयिक ने पाकिस्तान को आतंकवाद का प्रायोजन करने वाले देश के रूप में सूचीबद्ध करने की आज सिफारिश करते हुए कहा कि पाकिस्तान की ओर से उग्रवादी और आतंकवादी प्रॉक्सी के इस्तेमाल से इस्लामी उग्रवाद के वैश्विक खतरे में खासा इजाफा हो रहा है।
अमेरिका पर आतंकवादी हमले के बाद अफगानिस्तान, पाकिस्तान और इराक के प्रति अमेरिकी नीतियां बनाने में अग्रणी भूमिका निभा चुके जल्मी खलीलजाद ने कहा, ‘‘पाकिस्तानी नीति अफगानिस्तान में जारी संघर्ष का प्रमुख कारण है। ज्यादा व्यापक रूप से, उग्रवादी और आतंकवादी प्रॉक्सी का उपयोग, जिसमें भारत को धमकाना शामिल है, इस्लामी उग्रवाद के वैश्विक खतरे में खासा योगदान करता है।’’
खलीलजाद ने अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की विदेशी मामलों की समिति के सदस्यों से संसदीय सुनवाई से पहले दाखिल अपने एक लिखित बयान में यह बात कही। ‘पाकिस्तान: आतंकवाद के खिलाफ जंग में दोस्त या दुश्मन,’ शीर्षक वाली इस संसदीय सुनवाई का आयोजन अमेरिकी प्रतिनिधिसभा की विदेशी मामलों की समिति की आतंकवाद, परमाणु अप्रसार एवं कारोबार पर उपसमिति और एशिया एवं प्रशांत उपसमिति मिल कर कल करेंगी।
अफगानिस्तान और इराक में अमेरिका का राजदूत रह चुके खलीलजाद ने आरोप लगाया है कि 11 सितंबर 2001 के आतंकवादी हमले के बाद अफगानिस्तान में तालिबान सरकार को गिराए जाने से ले कर पाकिस्तान कपटी और खतरनाक दोहरा खेल खेलता आया है।