पाकिस्तान ने कश्मीर में मानवाधिकार के कथित उल्लंघन को लेकर शनिवार (17 सितंबर) को भारत की आलोचना की और धमकी दी कि अगर वह बलूचिस्तान के बारे में बात करना जारी रखेगा तो पाकिस्तान वहां की ‘मानवाधिकार की निराशाजनक स्थिति’ का दुनिया भर में पर्दाफाश करेगा। पाकिस्तान ने कहा कि बलूचिस्तान पर अचानक भारत का ध्यान जाना कश्मीर में कथित दमन से ध्यान हटाने की कोशिश है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में पाकिस्तान के प्रतिनिधिमंडल ने जम्मू कश्मीर पर भारत के ‘अस्थिर रुख’ तथा बलूचिस्तान में उसके ‘लगातार हस्तक्षेप’ की खिंचाई की। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने कहा कि अपने तीखे जवाब में पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल ने भारत द्वारा जम्मू कश्मीर के अपने अवैध कब्जे से इंकार करने के प्रयास को ‘इतिहास का मखौल’ बताया।

प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि पाकिस्तान को भारतीय नेतृत्व तथा भारतीय प्रतिनिधिमंडल के ‘असंयमित’ टिप्पणियों से आश्चर्य नहीं हुआ। इसके साथ ही पाकिस्तान ने अपने आंतरिक मामलों में, खासकर बलूचिस्तान में खुलेआम हस्तक्षेप का आरोप लगाया। विदेश कार्यालय ने दावा किया कि कश्मीरी लोगों के उत्पीड़न की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रही चर्चा का मुकाबला करने के लिए ध्यान भटकाने का प्रयास किया जा रहा है। प्रतिनिधिमंडल ने पीडीपी के एक सांसद के एक बयान की ओर परिषद का ध्यान आकृष्ट किया जिन्होंने मौजूदा भारतीय ‘दमन’ को ‘नाजी बलों से भी खराब’ बताया।