पाकिस्तान ने बलूचिस्तान में सीमा क्रॉसिंग पर अफगानिस्तान के साथ एक मैत्री द्वार को गुरुवार (1 सितंबर) को दोबारा खोल दिया। अफगान प्रदर्शनकारियों द्वारा सीमा पर एक रैली में पाकिस्तानी ध्वज को जलाए जाने के बाद से दो हफ्ते से यह बंद था। बॉर्डर क्रॉसिंग को बाब-ए-दोस्ती (मैत्री द्वार) के नाम से जाना जाता है। यह 18 अगस्त को बंद कर दिया गया था जब कुछ नागरिक सीमा द्वार के निकट एकत्र हुए और पाकिस्तान विरोधी नारे लगाए।

सीमा के दोनों तरफ से बड़ी संख्या में लोग जुटे। उन्होंने द्वार को दोबारा खोले जाने का गुरुवार को स्वागत किया। फ्रंटियर कोर के एक अधिकारी ने बताया कि दोनों पक्षों ने कई दौर की बातचीत की और मामला आखिरकार बुधवार को निपट गया, जब अफगानिस्तान ने माफी मांगी और आश्वासन दिया कि इस तरह की घटनाएं फिर नहीं होंगी। उन्होंने कहा, ‘हमने आज (गुरुवार, 1 सितंबर) से द्वार खोलने का फैसला किया जब अफगानिस्तान ने ध्वज जलाए जाने के लिए लिखित माफी मांगी।’

द्वार को खोलने का फैसला पाकिस्तान और अफगानिस्तान के अधिकारियों की 15 वीं फ्लैग बैठक में हुआ। पाकिस्तानी अधिकारियों का नेतृत्व मुख्य लेफ्टिनेंट कर्नल मोहम्मद चंगेज ने किया जबकि अफगान अधिकारियों का नेतृत्व कर्नल मोहम्मद अली ने किया। द्वार को बंद किए जाने के समय से पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच व्यापार बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

इससे दोनों तरफ के व्यापारियों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा क्योंकि वाहन फंस हुए थे और वाणिज्यिक गतिविधियां ठहर गई थीं। चमन तोरखम से लगे सबसे व्यस्त पारगमन क्षेत्रों में से एक है। प्रतिदिन 50 हजार से अधिक लोग दोनों तरफ से आते-जाते हैं। इनमें ज्यादातर अफगान नागरिक होते हैं।