अमेरिका ने कहा है कि वह पाकिस्तान पर उसकी सीमा के अंदर पनाह लेने वाले आतंकवादी समूहों से निपटने में अतिरिक्त कदम उठाने के लिए दबाव डालेगा। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने भारत-पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मुद्दों को सुलझाने में अमेरिका से मदद मांगी थी।  शरीफ ने सोमवार को अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी से मिलकर कश्मीर में कथित मानवाधिकार उल्लंघन और हिंसा का मुद्दा उठाया था। संयुक्त राष्ट्र महासभा के 71वें सत्र से इतर शहर में केरी के साथ शरीफ की यह पहली द्विपक्षीय बैठक थी। केरी-शरीफ की बातचीत के बाद अमेरिकी विदेश मंत्रालय के उपप्रवक्ता मार्क टोनर ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आतंकवादी समूहों के साथ प्रभावी तरीके से निपटने में अमेरिका पाकिस्तान की ओर से अधिक प्रगति देखना चाहता है। उन्होंने बताया कि अमेरिका-पाकिस्तान रिश्ते बेहद अहम हैं।’

शरीफ-केरी की मुलाकात के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘ना सिर्फ द्विपक्षीय एजंडा बल्कि क्षेत्रीय एजंडा में भी बहुत कुछ शामिल है।’ टोनर ने बताया कि दोनों पक्षों की बातचीत के एजंडे में निश्चित रूप से सुरक्षा का मुद्दा भी शामिल होगा। हम लोग पाकिस्तान से लगातार यह अनुरोध करते रहेंगे कि वह उन सभी आतंकवादी खतरों से निपटने के लिए अतिरिक्त कदम उठाए जिनका ना सिर्फ पाकिस्तान सामना करता है, बल्कि उन समूहों के खिलाफ भी प्रभावी तरीका अपनाए जो उसके यहां शरण लेते है। उन्होंने कहा, ‘हमने कुछ प्रगति देखी है, लेकिन इसमें और प्रगति होनी चाहिए और मुझे लगता है कि इस दिशा में आगे बढ़कर ही हम साथ काम करना जारी रख पाएंगे और ना सिर्फ पाकिस्तान बल्कि क्षेत्र के अंदर व्यापक आतंकवादरोधी अभियान को प्रोत्साहित करने की कोशिश करते रहेंगे।’

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बैठक के बाद पाकिस्तान मिशन ने बताया कि शरीफ ने कहा, ‘मुझे अब तक अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बिल क्लिंटन का वह वादा याद है कि अमेरिका भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय विवादों और मुद्दों को सुलझाने में मदद करेगा और इसमें अहम भूमिका निभाएगा।’ शरीफ ने कहा, ‘उम्मीद करता हूं कि अमेरिकी प्रशासन और विदेश मंत्री केरी भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मुद्दों को सुलझाने में मदद के लिए अपने प्रभाव का इस्तेमालकरेंगे।’ ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा से मुलाकात में भी शरीफ ने कश्मीर मुद्दे को उठाया।
पाकिस्तान मिशन की ओर से जारी सूचना के मुताबिक शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान कश्मीर के लोगों के आत्मनिर्णय के लिए उनके जायज संघर्ष का समर्थन करता है। कश्मीर के मुद्दे पर उसकी प्रतिबद्धता अपरिवर्तनीय है। उन्होंने कहा, ‘हम लोग अंतरराष्ट्रीय समुदाय को उसकी दशकों पुरानी प्रतिबद्धताओं की याद दिलाते रहेंगे जिसे आज तक पूरा नहीं किया गया है।’ शरीफ ने कहा कि कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन और सरकारी दमन चरम पर है।  पाकिस्तान के विदेश सचिव और अन्य अधिकारियों के संवाददाता सम्मेलन में या उनकी मेजबानी में होने वाले किसी कार्यक्रम में भारतीय मीडिया को जाने की इजाजत नहीं दी गई।