पाकिस्तान के राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने भारत पर आरोप लगाया है कि पठानकोट आतंकवादी हमले की साझा जांच के लिए पाकिस्तान की ओर से की गई पेशकश के बावजूद वह वार्ता से पीछे हट रहा है। साथ ही उन्होंने कश्मीर मुद्दे को उठाते हुए इसे ‘बंटवारे का अधूरा एजंडा’ और क्षेत्रीय तनाव का मुख्य कारण करार दिया।
वर्तमान संसद के चौथे वर्ष की शुरुआत में संसद के साझा सत्र को संबोधित करते हुए हुसैन ने कहा कि वार्ता बहाल करने की पाकिस्तान की कोशिश और पठानकोट हमले की संयुक्त जांच की पेशकश के बावजूद विदेश सचिव स्तर की वार्ता अब भी स्थगित है। पाकिस्तान इसको लेकर चिंतित है। उन्होंने कहा-‘हमारा मानना है कि क्षेत्र में तनाव का मुख्य कारण कश्मीर मुद्दा है। यह उपमहाद्वीप के बंटवारे का अधूरा एजंडा है। जब तक कश्मीर मुद्दे का समाधान कश्मीर के लोगों की इच्छा और संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के तहत नहीं होता, तब तक इस क्षेत्र की समस्याओं का समाधान नहीं होगा।’ हुसैन ने भारत पर आरोप लगाया कि वह पाकिस्तान के साथ वार्ता से भाग रहा है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान एक शांतिपूर्ण देश है और चाहता है कि इसकी विदेश नीति सभी देशों के साथ मित्रता और भाईचारे पर आधारित हो। उन्होंने कहा कि हम किसी भी देश के प्रति आक्रामक नहीं होना चाहते और ईमानदारी से राष्ट्रीय और वैश्विक मामलों में भागीदारी करना चाहते हैं।