पाकिस्तान की राजनीति के लिए आज का दिन काफी अहम है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Pakistan PM Shahbaz Sharif) बुधवार को अपना इस्तीफा दे सकते हैं। वहां गठबंधन की सरकार ने तय किया है कि नेशनल असेंबली को भंग कर दिया जाए। ताकि इस साल होने वाले आम चुनाव की तैयारियों के लिए ज्यादा वक्त मिल जाए। शहबाज शरीफ ने मंगलवार को कहा कि वह पाकिस्तान की नेशनल असेंबली को समय से पहले भंग करने के लिए बुधवार को राष्ट्रपति आरिफ अल्वी को पत्र लिखेंगे। अगर शहबाज शरीफ अपने पद से इस्तीफा देंगे तो एक अंतरिम सरकार देश का कार्यभार संभालेगी। संसद के निचले सदन का पांच साल का कार्यकाल 12 अगस्त को खत्म हो रहा है। राष्ट्रपति अल्वी अगर प्रधानमंत्री की सलाह को स्वीकार करते हैं तो 48 घंटे के भीतर नेशनल असेंबली को भंग किया जा सकता है।
चुनाव कराने के लिए 3 महीने का समय
पाकिस्तान में अगर नेशनल असेंबली भंग की जाती है तो 90 दिनों के भीतर चुनाव होंगे। इसी बात से यह संकेत मिल रहा है कि शहबाज शरीफ प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे सकते हैं। इसी के चलते उन्होंने रावलपिंडी में पाकिस्तानी सेना के जनरल मुख्यालय का दौरा किया, जहां उन्हें विदाई भी दी गई। बता दें कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) की गठबंधन सरकार कुछ दिन और सत्ता में रह सकती थी।
पहले कहा जा रहा था कि 11 अगस्त को संसद भंग करने की सिफारिश की जाएगी लेकिन पार्टी को आशंका थी कि राष्ट्रपति अल्वी ऐसे अचानक से नोटिफिकेशन जारी करने से इनकार कर सकते थे। ऐसे में PML-N को सुझाव मिला कि संसद को तीन दिन पहले भंग कर दिया जाए। ऐसे में अगर राष्ट्रपति किसी वजह से पीएम की बात नहीं भी मानते हैं तो संसद खुद ही वक्त पर भंग हो जाएगी। इस स्थिति में पाकिस्तान चुनाव आयोग को इलेक्शन करवाने के लिए 90 दिनों का वक्त मिल जाएगा।
क्या समय से हो पाएंगे चुनाव?
पाकिस्तान में समय से चुनाव कराने को लेकर भी संशय की स्थिति है। संवैधानिक अविधि पूरी होने के बाद चुनाव आयोग को 60 दिन के अंदर चुनाव करवाने होते हैं, लेकिन मौजूदा स्थिति में 90 दिन भी कम हैं। अब उसकी मंजूरी के बाद ही चुनाव आयोग चुनाव करवा पाएगा। अब जब नई जनगणना होगी तो नया परिसीमन भी होगा। इसके लिए चुनाव आयोग को 120 दिनों का वक्त मिलता है। फिर जब ये सारी कार्यवाही हो जाएगी तब जाकर चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी. इस वजह से यह तय माना जा रहा है कि चुनाव कुछ महीने लेट होंगे।
गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने भी माना है कि साल 2023 में चुनाव होना संभव नहीं है। नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता राजा रियाज ने कहा कि उन्होंने अभी तक कार्यवाहक प्रधानमंत्री के नामों के संबंध में प्रधानमंत्री से मुलाकात नहीं की है। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि कल एक बैठक होगी, जिसमें इन बातों पर चर्चा होगी।
इनपुट – एजेंसी
